शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"रसुल अल्लाह ﷺ ने एक शख्स को सूरह अखलास पढ़ते हुए सुना तो फरमाया, इसके लिए जन्नत वाजिब हो गई।"
- जमाह तिर्मिज़ी
----------------------------
बरेली की फास्टट्रैक कोर्ट के जज रवी कुमार दिवाकर ने जहेज़ के लिए कत्ल मआमले में फ़ैसला सुनाते हुए शौहर समेत ससुराल वालों को क़सूरवार क़रार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई है। फ़ैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि शौहर को बीवी की खूबियों से बढ़कर पैसों का लालच था, जहेज़ में मिलने वाली गाड़ी और नक़दी से ससुराल वालों का लालच कम नहीं हुआ, पैसों के हवस में आकर उन्होंने अपनी मासूम और प्यारी बहू पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसे मौत की नींद सुला दिया।
मई 2024 को बरेली के नवाबगंज थाने के जोराजे नगर गांव में एक शादीशुदा ख़ातून को उसके शौहर, सास और सुसर ने कुल्हाड़ी से गला काट कर बेदर्दी से क़तल कर दिया था। मामले में फास्टट्रैक कोर्ट के जज रवी कुमार ने तीनों को सज़ा-ए-मौत सुनाते हुए 5 लाख 40 हज़ार रुपय जुर्माना भी आइद किया। जज ने अपने फ़ैसले में हदीस-ए-रसूल 000 का हवाला देते हुए कहा कि पैग़ंबर इस्लाम ﷺ ने फ़रमाया : ' निकाह मेरी सुन्नत है और जिसने मेरी सुन्नत पे अमल ना किया वो हम में से नहीं, यानी मुस्लमान नहीं।' मुस्लिम मआशरे में शादी को नेक अमल और इबादत तसव्वुर किया गया है। अस्सिटेंट डिस्ट्रिक्ट गर्वनमेंट एडवोकेट दिगम्बर सिंह के मुताबिक फास्टट्रैक कोर्ट ने जहेज़ क़तल केस में सास, सुसर और शौहर को मौत की सज़ा सुनाई है। केस में 8 गवाहों को पेश किया गया था।
अल तबारक गोश्त फैक्ट्री सील, दादरी बीफ वाकिये के बाद आई थी सुर्खियों में
गाजियाबाद : अलीगढ़ दादरी बीफ वाक़िया के बाद सुर्खियों में आने वाली अलीगढ़ की अल तबारक गोश्त फ़ैक्ट्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उतर प्रदेश कंट्रोल बोर्ड के रीजनल मैनेजर इंजीनियर राधे श्याम की कयादत में कई महिकमों की टीम ने फ़ैक्ट्री को सील कर दिया।
उतर प्रदेश आलूदगी (पाल्यूशन) कंट्रोल बोर्ड, अलीगढ़ के इलाक़ाई दफ़्तर के रीजनल मैनेजर इंजीनियर राधे श्याम के मुताबिक अल तबारक मीट फ़ैक्ट्री का लाईसेंस 31 दिसंबर को ख़त्म हो गया था, जिसके बाद भी फ़ैक्ट्री तक़रीबन एक हफ़्ता तक चालू रही। इसके लिए फ़ैक्ट्री पर 140000 रुपय जुर्माना आइद किया गया है। हुकूमत की तरफ़ से फ़ैक्ट्री बंद करने की हिदायात मिलने के बाद डिस्ट्रिक्ट ऑफीसर की हिदायत पर उनकी कयादत में महिकमा बिजली और पुलिस की टीम ने मौक़ा पर पहुंच कर फ़ैक्ट्री को मुकम्मल तौर पर सील कर दिया।
लाईसेंस की तजदीद (नवीनीकरण) और दीगर काम मुकम्मल होने के बाद फ़ैक्ट्री दोबारा शुरू की जा सकती है। हुकूमत की हिदायत पर जानवरों के हुक़ूक़ के कारकुन सुमंत ओझा ने ग़ाज़ी आबाद इंतिज़ामीया से गाय के गोश्त को दादरी के एसपीजे कोल्ड स्टोरेज में रखने की शिकायत की थी, जिसके बाद 9 और 10 नवंबर को गोश्त के एक ट्रक को क़बज़े में ले लिया गया था। तहक़ीक़ात से पता चला कि ये सप्लाई पाँच फार्मों से की गई थी जिसमें अलीगढ़ की एक बड़ी गोश्त की फ़ैक्ट्री भी शामिल थी, इसी सिलसिले में हुकूमत ने 13 दिसंबर को आलूदगी कंट्रोल बोर्ड को एक ख़त भेजा था और हुकूमती सतह से इसकी आला सतही तहक़ीक़ात करने की हिदायात दी थी।
उतर प्रदेश आलूदगी (पाल्यूशन) कंट्रोल बोर्ड, अलीगढ़ के इलाक़ाई दफ़्तर के रीजनल मैनेजर इंजीनियर राधे श्याम के मुताबिक अल तबारक मीट फ़ैक्ट्री का लाईसेंस 31 दिसंबर को ख़त्म हो गया था, जिसके बाद भी फ़ैक्ट्री तक़रीबन एक हफ़्ता तक चालू रही। इसके लिए फ़ैक्ट्री पर 140000 रुपय जुर्माना आइद किया गया है। हुकूमत की तरफ़ से फ़ैक्ट्री बंद करने की हिदायात मिलने के बाद डिस्ट्रिक्ट ऑफीसर की हिदायत पर उनकी कयादत में महिकमा बिजली और पुलिस की टीम ने मौक़ा पर पहुंच कर फ़ैक्ट्री को मुकम्मल तौर पर सील कर दिया।
लाईसेंस की तजदीद (नवीनीकरण) और दीगर काम मुकम्मल होने के बाद फ़ैक्ट्री दोबारा शुरू की जा सकती है। हुकूमत की हिदायत पर जानवरों के हुक़ूक़ के कारकुन सुमंत ओझा ने ग़ाज़ी आबाद इंतिज़ामीया से गाय के गोश्त को दादरी के एसपीजे कोल्ड स्टोरेज में रखने की शिकायत की थी, जिसके बाद 9 और 10 नवंबर को गोश्त के एक ट्रक को क़बज़े में ले लिया गया था। तहक़ीक़ात से पता चला कि ये सप्लाई पाँच फार्मों से की गई थी जिसमें अलीगढ़ की एक बड़ी गोश्त की फ़ैक्ट्री भी शामिल थी, इसी सिलसिले में हुकूमत ने 13 दिसंबर को आलूदगी कंट्रोल बोर्ड को एक ख़त भेजा था और हुकूमती सतह से इसकी आला सतही तहक़ीक़ात करने की हिदायात दी थी।
0 टिप्पणियाँ