सरकारी ज़मीन या वक़्फ़ जायदाद, तहसील रिकार्ड में नहीं कराया दर्ज

 शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी 


  फरमाने रसूल ﷺ  

"तुम अपने लिए भलाई के अलावा कोई और दुआ ना करो क्योंकि जो तुम कहते हो उस पर फरिश्ते आमीन कहते है।"
- मुस्लिम 

जेपीसी की रिपोर्ट में बड़ा दावा

सरकारी ज़मीन या वक़्फ़ जायदाद, तहसील रिकार्ड में नहीं कराया दर्ज

✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

वक़्फ़ के नाम पर सरकारी ज़मीनों पर मुबय्यना (कथित) तौर पर कब्जा करने में अयोध्या, शाहजहाँ पूर, राम पूर, जौनपूर और बरेली जिला रियासत में सबसे आगे है। इनमें से हर एक जिले में वक़्फ़ बोर्ड दो हज़ार या इससे ज़्यादा जायदादों का दावा कर रहा है। जबकि रेवेन्यू रिकार्ड में ये ज़मीनें अवामी इस्तिमाल (सार्वजनिक उपयोग) के ज़ुमरे में आती हैं। 
    मुशतर्का पारलीमानी कमेटी (जेपीसी) ने उतर प्रदेश में वक़्फ़ इमलाक की ज़िलावार तफ़सीलात लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को पेश की हैं। शाहजहाँ पूर में वक़्फ़ बोर्ड के रिकार्ड में 2589 जायदादें दर्ज हैं जिनमें से 2371 सरकारी जायदादें हैं। राम पूर में 3365 वक़्फ़ इमलाक में से 23633, आयोध्या में 3652 में से 2116, जौनपूर में 4167 में से 2096 और बरेली में 3499 वक़्फ़ इमलाक में से 2000 सरकारी जमीन पर वाके हैं। 



    ख़्याल रहे कि रियासत में कुल 57792 सरकारी जायदादें हैं, जो वक़्फ़ बोर्ड के रिकार्ड में वक़्फ़ जायदाद के तौर पर दर्ज हैं। इसका कुल रकबा 11712 एकड़ है। क़वाइद के मुताबिक़ इन जायदादों को वक़्फ़ नहीं किया जा सकता। ये जिले भी सर-ए-फ़हरिस्त 21 जिलों में शामिल हैं जहां सरकारी ज़मीनों पर क़बज़ा है। खीरी 245;1792, बुलंदशहर 245;1778, फ़तहपूर 245;1610, सीतापूर 245;1581, आज़मगढ़ 245;1575, सहारनपूर 245;1497, मुरादाबाद 245;1471, प्रतापगढ़ 245;1331, आगरा 245;1293, अलीगढ़ 245;1216, ग़ाज़ीपूर 245.15;245.15, देवरिया 245;1027 और बिजनौर 245;1005 हैं। 
    रियासत में 40 ऐसे जिले हैं, जहां सैंकड़ों वक़्फ़ इमलाक बोर्ड के रिकार्ड में दर्ज हैं लेकिन तहसील रिकार्ड में एक की भी मुंतकली नहीं हुई है। जबकि सोनभद्र में एक वक़्फ़ जायदाद है। हालांकि, ज़िलई सतह के गजट में महोबा में 245 और सोनभद्र में 171 वक़्फ़ जायदादें दिखाई गई हैं।



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