जमादी उल आखिर 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
मैं आखरी ज़माने में अपनी उम्मत के बारे में तीन चीजों से डरता हूँ, सितारों पर इमान लाने से, तकदीर झुठलाने से और बादशाह के ज़ुल्म-ओ-सितम से।
-अलसिलसिलत सहियह
यूनेस्को के ज़रीया केराला के कोज़ीकोड शहर को सरकारी तौर पर हिन्दोस्तान का पहला अदब का शहर क़रार दिया गया। अक्तूबर २०२३ में कोज़ीकोड को यूनेस्को क्रिएटिव नेटवर्क के अदब के ज़ुमरे में दर्जा दिया गया था। रियास्ती लोकल सेल्फ गर्वनमेंट डिपार्टमेंट (एलएसजीडी) के वज़ीर एमबी राजेश ने इतवार को एक सरकारी प्रोग्राम में कोज़ी कोड की इस कामयाबी के बारे में जानकारी दी।
इसके तहत उसे यूसीसीएन की 'लिटरेचर कैटेगरी में जगह मिली है। वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि कोज़ी कोड म्यूनसिंपल कारपोरेशन के मूसिर काम ने यूनेस्को से शहर अदब का ख़िताब हासिल किया है, जिससे कोलकता जैसे शानदार सक़ाफ़्ती तारीख़ वाले शहर को पीछे छोड़ दिया है। इस कामयाबी के साथ, कोज़ी कोड दुनिया के चंद बावक़ार शहरों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनमें जमहूरीया चैक का पराग, इटली का मीलान, बर्तानिया का एडिनबरा, फ़्रांस का अंगोले, पाकिस्तान का लाहौर और इंडोनेशिया का जकार्ता शामिल है।
रियास्ती हुकूमत ने ऐलान किया है कि अगले साल से २३ जून को कोज़ी कोड अदबी शहर डे के तौर पर मनाया जाएगा। रियास्ती लोकल सेल्फ गर्वनमेंट डिपार्टमेंट की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस दिन छः ज़मरों में ख़ुसूसी ऐवार्डज़ का ऐलान किया जाएगा।
कोज़ी कोड मरहूम एसके पोटा कोड और वाईकम मुहम्मद बशीर जैसी अज़ीम अदबी शख़्सियात के लिए जाना जाता है। प्रोग्राम के एक हिस्से के तौर पर वज़ीर सयाहत पीए मुहम्मद रियाज़ ने यूनेस्को के शहर अदब के लोगो की निक़ाब कुशाई की। दिलचस्प बात ये है कि ये एज़ाज़ नेशनल इंस्टीटियूट आफ़ टेक्नालोजी कालीकट के तलबा की रिपोर्ट के बाद मिला है जिसने इलाक़े की अदबी तारीख़ को दस्तावेज़ी शक्ल दी।
हाल ही में , कोज़ीकोड की मेयर बीना फ्लिप ने बताया कि कोज़ी कोड को शहर अदब के तौर पर टैग करने का ख़्याल सबसे पहले अक्तूबर २०२१ में केराला इंस्टीटियूट आफ़ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर अजीत कल्याथ के ज़हन में आया। हमने इस पर तबादला-ए-ख़्याल किया और एक मन्सूबा बनाया। ये मुताला आर्कीटैक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट के मेंबरान ने किया, जिसके सरबराह मुहम्मद फ़िरोज़ ने कहा कि तलबा ने एक सर्वे किया, इस इलाक़े की अदबी रसाई का मुताला किया, और अदबी ख़सुसीआत, मुक़ामात और अहम शख़्सियात का मुताला एक तालीमी इदारे के हिस्से के तौर किया।
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