चैलेंज साबित होगा तबाह हाल ग़ज़ा के तामीर नौ के लिए अरबों डालर जमा करना

 रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

तुम अल्लाह की तरफ रुजू करने के लिए क़ुरआन से बढ़कर कोई और ज़रिया नहीं पा सकते।

- तिर्मिज़ी 

चैलेंज साबित होगा तबाह हाल ग़ज़ा के तामीर नौ के लिए अरबों डालर जमा करना

✅ दुबई : आईएनएस, इंडिया 

इसराईल और हम्मास के दरमियान जंग बंदी के बाद इसराईली बमबारी से मलबे का ढेर बना दिए गए ग़ज़ा की ताअमीर-ए-नौ के लिए अरबों डालर की ज़रूरत होगी। ये अंदाज़ा अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने अपनी मुख़्तलिफ़ रिपोर्टस की बुनियाद पर लगाया है। 
    इसराईल और हम्मास के दरमयान इतवार के रोज़ से जंग को मुअत्तल कर दिया गया है। मुआहिदे के मुताबिक़ जंग बंदी का पहला मरहला 42 दिन पर होगा और इस दौरान जंग बंदी को मुस्तक़िल करने के लिए मज़ीद मुज़ाकरात किए जाएंगे। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के जायज़े के मुताबिक़ ग़ज़ा में सात अक्तूबर 2023 से शुरू होने वाली जंग के नतीजे में अब तक 46913 फ़लस्तीनी जांबाहक़ हुए हैं। उनमें अक्सरीयत बच्चों और ख़वातीन की है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के तख़मीना के मुताबिक़ ग़ज़ा में जंग के नतीजे में 50 मिलियन टन तक मलबा मौजूद है जो इसराईली बमबारी के नतीजे में घरों, हस्पतालों, तालीमी इदारों, सरकारी इदारों, मसाजिद और गिरिजा-घरों को तबाह किए जाने के नतीजे में ग़ज़ा के चारों तरफ़ फैला हुआ है। मलबे को उठाने के लिए 21 साल का वक़्त दरकार होगा और मलबा उठाने की लागत एक अरब 20 करोड़ डालर आ सकती है। 

    रिपोर्टस में कहा गया है कि ग़ज़ा में मौजूद मलबा ज़हरीले असरात का हामिल हो सकता है। इसलिए उसे मुकम्मल तौर पर तलफ़ करना ज़रूरी होगा। ताहम ये भी अंदेशा है कि इसमें 10 हज़ार के क़रीब इन्सानी लाशें दबी हुई हैं। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के डेवलपमेंट प्रोग्राम के हुक्काम ने इतवार के रोज़ कहा की इसराईली जंग ने पिछले 69 साल के दौरान ग़ज़ा में होने वाले तरक़्क़ीयाती कामों को तबाह कर दिया है। एक अंदाज़े के मुताबिक़ ग़ज़ा में बिखरने वाले घरों की तामीर के लिए कई दहाईयां लगेंगी और कम अज़ कम अगले 15 साल में इन घरों की तामीर-ओ-मुरम्मत से कुछ काम चल सकेगा। 
    पिछले साल जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि एक लाख 70 हज़ार से ज़ाइद इमारात तबाह की गई हैं। सैटलाइट से ली गई तसावीर से पिछले साल दिसंबर में अंदाज़ा किया गया कि 60 फ़ीसद इमारात और इमारती ढाँचे तबाह हो चुके हैं। एक अंदाज़े के मुताबिक़ दो लाख 45 हज़ार 223 रिहायशी यूनिट्स तबाह हुए हैं जिसके नतीजे में 18 लाख से ज़ाइद फ़लस्तीनी बे-घर हो कर आरिज़ी-ओ-हंगामी ख़ेमों के नीचे पनाह लेने पर मजबूर हुए हैं। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के मुख़्तलिफ़ इदारों की रिपोर्टस में कहा गया है कि जनवरी 2024 तक ग़ज़ा में इसराईली जंग के नतीजे में साढे़ 18 अरब डालर मालियत के इनफ़रास्ट्रक्चर का नुक़्सान हुआ। इसके अलावा सनअत-ओ-तिजारत का शोबा तबाह हुआ, तालीम, सेहत और तवानाई के शोबे का इनफ़रास्ट्रक्चर तबाह हुए। ताहम अक़वाम-ए-मुत्तहिदा या आलमी बैंक ने जनवरी 2024 के बाद ताज़ा डैटा फ़राहम नहीं किया है। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के मुताबिक़ सड़कों का निज़ाम 68 फ़ीसद तबाह हो चुका है। इसी तरह पानी की स्पलाई का निज़ाम भी तबाह हो चुका है।

मलबा 5 करोड़ टन, समेटने में लग सकते हैं 21 साल 

जिनेवा : अक़वाम-ए-मुत्तहिदा का कहना है कि ग़ज़ा जंग में होने वाली तबाही से जो मलबा फैला हुआ है, उसे समेटने में 21 साल लग सकते हैं। ग़ैर मुल्की मीडीया के मुताबिक़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने कहा है कि इसराईली हमलों के नतीजे में ग़ज़ा के अंदर तबाह होने वाली इमारतों और दीगर इन्फ्रास्ट्रकचर के मलबे को साफ़ करने में 21 साल का अरसा लग सकता है और 12 अरब डालर की रक़म ख़र्च हो सकती है। 
दूसरी जानिब इसराईली फ़ौज ग़ज़ा में जंग बंदी की मुसलसल ख़िलाफ़ वरज़ीयां कर रही है और गुजिश्ता रोज़ रफा में मलबा साफ़ करते लोगों पर इसराईली क्वाड कापटर (ड्रोन) ने फायरिंग की जिसके नतीजे में एक फ़लस्तीनी शहीद और 4 ज़ख़मी हो गए। इसराईली बमबारी से तबाह शूदा इमारतों से फ़लस्तीनी शोहदा की लाशों के मिलने का सिलसिला भी जारी है और अब तक 200 से ज़्यादा लाशें बरामद की जा चुकी हैं। जबकि मज़ीद 10 हज़ार से ज़ाइद लाशें मलबे के नीचे दबे होने का ख़दशा ज़ाहिर किया गया है।



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