✒ लंदन : आईएनएस, इंडिया बर्तानिया में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम खवातीन की हौसला-अफजाई के लिए स्टील का मुजस्समा तैयार किया गया है। बर्तानवी मीडीया के मुताबिक ये दुनिया में अपनी नौईयत (तरह) का पहला मुजस्समा (प्रतिमा) है। बर्तानवी न्यूज एजेंसी बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ये मुजस्समा बर्तानिया के दूसरे बड़े शहर बर्मिंघम में लगाय जाएगा जिसे ‘हिजाब की ताकत’ नाम दिया गया है। इस मुजस्समे को ल्यूक पीरी ने डिजाइन किया है जिसे अगले माह अक्तूबर में वेस्ट मिडलैंड के इलाके स्मिथ में रखा जाएगा। स्टील का ये मुजस्समा 5 मीटर 16 फुट लंबा और तकरीबन एक टन वजनी है, ख़्याल किया जा रहा है कि बा हिजाब लड़की का ये मुजस्समा दुनिया में अपनी नौईयत का पहला मुजस्समा है। मुजस्समे के नीचे ये अलफाज कुंदा हैं कि ‘ये औरत का हक है कि उसे मुहब्बत और इज्जत दी जाए, चाहे वो अपने पहनने के लिए किसी भी लिबास का इंतिखाब करे, उसकी असल ताकत उसके दिल और दिमाग में है।’
मुजस्समा तैयार करने वाले डिजाइनर ल्यूक पीरी का कहना है कि ‘हिजाब की ताकत’ एक ऐसा फन पारा (कलाकृति) है, जो इस्लामी अकीदे से ताल्लुक रखने वाली उन खवातीन की निशानदेही करता है, जो हिजाब पहनती हैं, ये हमारे मुआशरे का वो तबका है, जिसकी नुमाइंदगी बहुत कम है, लेकिन बहुत एहमीयत के हामिल हैं। ल्यूक पीरी ने तस्लीम किया कि ये मुजस्समा कुछ लोगों के लिए ‘मुतनाजा’ (विवादित) हो सकता है। उन्होंने कहा कि बर्तानिया में रहने वाले हर फर्द की नुमाइंदगी करना जरूरी है। उनका मजीद कहना था कि इस बात का इमकान है कि ये मुजस्समा बहुत सी मुख़्तलिफ वजूहात की बिना पर मुतनाजे हो सकता है।
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