मस्जिद नबवी ﷺ में बिछी है 25 हज़ार क़ालीन, हर कालीन में लगी है इलेक्ट्रानिक चिप

सफर उल मुजफ्फर, 1447 हिजरी 

   फरमाने रसूल ﷺ   

जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।

- तिर्मिज़ी 

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बख्तावर अदब : रियाद 

मस्जिद उल हरम और मस्जिद नबवी  के देखभाल के उमूर की जनरल अथार्टी की जानिब से मस्जिद नबवी  में बिछी क़ालीनों पर ख़ुसूसी तवज्जा दी जाती है। मस्जिद नबवी  में 25 हज़ार से ज़्यादा क़ालीन बिछाई गई है। इनमें 14 हजार से जाईद कालीन सेहनों में, 6 हज़ार 150 राहदारियों और 5 हज़ार 500 क़ालीन मस्जिद की छत पर बिछाई गई है। इन कालीनों की मोटाई 16 मिलीमीटर है। हर क़ालीन में एक आरएफ़आईडी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी हुई है जो कालीन का डैटा, लोकेशन, उसके बनने की तारीख़, वाशिंग शैडूल, मस्जिद और बैरूनी हिस्सों में क़ालीनों की मूव्हमेंट को ट्रैक करने में मदद करती है। कालीन में लगी चिप से ऑपरेशनल कारकर्दगी को बढ़ाने और ख़िदमात के मेअयार को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आला मेअयार की हुनरमंदी और रंग की पाएदारी के सबब इन कालीनों की अलग पहचान बनी हुई है।

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दिन में तीन मर्तबा की जाती है सफाई
मस्जिद नबवी  में ज़ाइरीन और नमाज़ियों को एक महफ़ूज़ और रुहानी माहौल फ़राहम कराने की गरज से अथार्टी के जरिये दिन में 3 मर्तबा हर कालीन की सफ़ाई की जाती है। 1600 लीटर जरासीमकुश मवाद का स्प्रे किया जाता है और क़ालीनों को मुअत्तर करने के लिए 200 लीटर ख़ुशबूदार मवाद का इस्तिमाल किया जाता है। हर रोज 150 कालीनों की धुलाई की जाती है। 
स्मार्ट सिस्टम के जरिये होती है देखभाल

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    इंतेजामिया के मुताबिक मस्जिद नबवी  की जियारत के लिए आने वालों को साफ़ क़ालीन फ़राहम करने स्मार्ट सिस्टम के जरिये क़ालीनों की देखभाल और निगरानी की जाती है। इंतेजामिया का कहना है कि 'मस्जिद नबवी  के क़ालीन आम क़ालीनों से मुख़्तलिफ़ होते हैं। ये ज़्यादा इस्तिमाल होने पर मुतास्सिर नहीं होते और न बार-बार धोने से उनके रंग पर कोई फ़र्क़ पड़ता है।
 

हर रोज 12 मर्तबा किया जाता है सेनेटाइज़ 


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    मस्जिद उल हरम में इदारा उमूर सेहत आम्मा-ओ-निगहदाशत के डायरेक्टर हुस्न अलस्वेहरी ने कहा कि मस्जिद उल हरम में बिछी कालीनों को हर रोज 12 मर्तबा सेनेटाइज़ किया जाता है। इसके लिए 19 हज़ार लीटर सेनेटाइज़र इस्तिमाल किया जाता है जो हरमैन शरीफ़ैन के लिए मख़सूस तरीक़े से तैयार कराया जाता है।

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    मस्जिद उल हरम में क़ालीनों और मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर जरासीमकुश अदवियात (कीटनाशक) का स्प्रे करने के लिए चार हज़ार से ज़ाइद तर्बीयत याफताह अमला मुतय्यन है जो मुख़्तलिफ़ शिफ्टों में ज़िम्मेदारियाँ अदा करते हैं। कालीनों में स्प्रे करने के लिए हर रोज 19 हजार लीटर मख्सूस मवाद का इस्तेमाल किया जाता है। 

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