सफर उल मुजफ्फर, 1447 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
आलाह ताअला फरमाता है,:ऐ इंसान! मेरी इबादत के लिये फारिग हो जा, मैं तेरे दिल को मालदारी (कनाअत) से भर दूंगा, तेरी मोहताजी खत्म कर दूंगा, और अगर तू ऐसा नहीं करेगा तो मैं ऐसे कामों में मसरूफ कर दूंगा जो तेरे मुकद्दर में नहीं और तेरी मोहताजी खत्म नही करुँगा।*
- सुनन इब्न माजह
ज़ाइरीन के लिए मखसूस स्मार्ट रेस्ट बैंड मुतआर्रुफ
हरमैन शरीफ़ैन इंतेजामिया ने ज़ाइरीन से बच्चों, बुज़ुर्गों और बसारत से महरूम अफ़राद के लिए रेस्ट बैंड सर्विस से फ़ायदा उठाने की अपील की

✅ बख्तावर अदब : रियाद
हज व उमरा के दौरान हरमैन शरीफैन (मक्का-मदीना) में बच्चों, बुजुर्गों और बसारत से महरूम अफराद (नाबीना) हजरात के गुम होने के वाकेआत में कमी आ गई है। इसकी वजह से बच्चों, बुजुर्गें और नाबीना हजरात के हाथ पर बांधा जाने वाला स्मार्ट रेस्ट बैंड है। जो इनके गुम होने की सूरत में घर वालों का इन तक पहुंचना आसान बनाता है।
हरमैन शरीफैन इंतेजामिया के मुताबिक रेस्ट बैंड की ये सर्विस जदीद और स्मार्ट है जो ज़ाइरीन की सलामती को यक़ीनी बनाती है और उन्हें मनासिक की अदायगी के दौरान इत्मीनान फ़राहम करती है। कलाई पर पहने जाने वाला इस खास बैंड में उसके अहल-ए-ख़ाना या हमराह अफ़राद से फ़ौरी राबते की मालूमात दर्ज होती है।

ये हिफ़ाज़ती रेस्ट बैंड मस्जिद उल-हराम के मख़सूस मुक़ामात पर तक़सीम किया जाता है, जिनमें सर-ए-फ़हरिस्त बाब उल-मलिक फ़हद गेट नंबर 79 और बाब उल-मलिक अबद उल अज़ीज़ नंबर 1 शामिल है। इंतेजामिया ने कहा कि ये ख़िदमत उसके उस मुस्तक़िल अज़म की अक्कासी करती है, कि वो हुज्जाज, मात्मरीन और ज़ाइरीन के लिए एक महफ़ूज़, सहल और बावक़ार माहौल फ़राहम करे ताकि हरमैन शरीफ़ैन की ख़िदमत में सऊदी क़ियादत की आला तवक़्क़ुआत पर पूरा उतरा जा सके।
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