रबि उल अल अव्वल 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
✅ पेशावर : आईएनएस, इंडिया
ख़ैबर पख्तूनख्वा के अफ़्ग़ानिस्तान से मुल्हिक़ा (लगे हुए) क़बाइली ज़िले करम में एक-बार फिर फ़िर्कावाराना फ़सादाद शुरू हो गए हैं। फ़रीक़ैन (दोनों पक्षों) के दरमयान जदीद (आधुनिक) ख़ुदकार हथियारों से फायरिंग के तबादले में मुतअद्दिद अफ़राद के निशाना बनने की इत्तिलाआत हैं।
हुक्काम और मुक़ामी क़बाइल के अमाइदीन के मुताबिक़ ज़िला करम के मर्कज़ पाढ़ा चनार के बाद करम के दूसरे बड़े शहर सदा में सनीचर और इतवार की दरमयानी शब एक तिजारती मर्कज़ (व्यापारिक केंद्र) में फायरिंग के तबादले से हालिया कशीदगी का आग़ाज़ हुआ। उनका कहना था कि इस कशीदगी (तनाव) के दौरान मुतअद्दिद राकेट भी दागे़ गए हैं जिसके नतीजे में मार्केट के अहाते और क़रीबी इमारतों में मुतअद्दिद दुकानें तबाह हो गई।
ज़िला करम में लगभग डेढ़ माह के दौरान दूसरी बार फ़िर्कावाराना फ़सादाद के बारे में सरकारी तौर पर किसी किस्म का बयान या वज़ाहत जारी नहीं की गई है। ज़िलई इंतिज़ामीया के हुक्काम और पुलिस आफ़िसरान ने फ़सादाद में कई अफ़राद के निशाना बनने की तसदीक़ की है। पाढ़ा चनार से ताल्लुक़ रखने वाले सीनीयर सहाफ़ी अली इफ़ज़ाल और सदा के मुहम्मद जमील ने भी फ़िर्कावाराना फ़सादाद में भारी हथियारों के इस्तिमाल की तसदीक़ की। उनके बाक़ौल अहले सुन्नत और अहल-ए-तशीअ फ़िर्क़ों से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों के दरमयान लोअर करम के ख़ारकली, बालिश ख़ैल, मैरोकिस और संगीनी में हफ़्ते और इतवार की दरमयानी शब से झड़पें जारी हैं।
उनका कहना था कि लड़ाई में भारी हथियारों का आज़ादाना (खुले आम) इस्तिमाल किया जा रहा है। मुहम्मद जमील के मुताबिक़ सदा शहर पर वक़फे-वक़फ़े (थोड़ी-थोड़ी देर) से मिज़ाईल और मोर्टर भी दागे़ जा रहे हैं। मुक़ामी ज़राइआ का दावा है कि जुमे की शाम से जारी झड़पों में शिद्दत हफ़्ते की रात उस वक़्त बढ़ गई, जब मुबय्यना तौर पर दोनों जानिब मुतहारिब क़बाइल (युद्धरत कबीले) को मुख़्तलिफ़ ज़राइआ से असलेह (हथियारों) के साथ-साथ अफ़रादी क़ुव्वत भी मयस्सर आई।
ज़िला करम की इंतिज़ामीया के आला आफ़िसरान और पुलिस हुक्काम से वाइस आफ़ अमरीका ने मुतअद्दिद बार राबिता करने की कोशिश की। ताहम फ़िर्कावाराना फ़सादाद के बारे में उनका मो॔क़फ़ हासिल ना हो सका। अफ़्ग़ानिस्तान की सर हुदा पर वाके ख़ैबर पख्तूनख्वा के ज़िला करम को इंतिहाई हस्सास (संवेदनशील) इलाक़ा क़रार दिया जाता है जहां गुजिश्ता माह 10 अगस्त को मुतहारिब क़बाइल के दरमयान फ़िर्कावाराना झडपें मुआहिदे के तहत बंद हुई थीं। ग़ैर मुसद्दिक़ा इत्तिलाआत और मुक़ामी क़बाइल के बाअज़ अमाइदीन (बुजुर्गों) के दावों के मुताबिक़ फ़िर्कावाराना झड़पों में दोनों जानिब से मुतअद्दिद अफ़राद निशाना बने हैं। पुलिस हुक्काम ने नाम ज़ाहिर ना करने की शर्त पर तसदीक़ की है कि झड़पों में अब तक एक पुलिस अहलकार समेत चार अफ़राद हलाक हुए हैं।
फ़िर्कावाराना कशीदगी के बाइस करम के बेशतर इलाक़ों का ना सिर्फ पेशावर और कोहाट बल्कि मुल्हिक़ा जिलों हंगू और और कज़ई से भी राबिता मुनक़ते (रदद) हो चुका है।
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