रबि उल आखिर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।
- बुख़ारी शरीफ
- सबसे ज्यादा दरख्वास्त गुजरात से
- बिना महरम वाली 3 हजार 717 और 65 साल और उससे ज्यादा उम्र वाली 14, 728 खवातीन को बिना कुरआ अंदाजी के मिला मौका
- 21 अक्टूबर तक जमा कराएं एडवांस रकम
✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया हज- 2025 के लिए मंगल, 15 अक्टूबर को नई दिल्ली में वाके हज कमेटी आफ़ इंडिया के ब्रांच ऑफ़िस में कम्यूटराईज्ड क़ुरआ अंदाज़ी हुई, जिसे तक़रीबन 6000 से ज़ाइद अफ़राद ने देखा। क़ुरआ अंदाज़ी का इफ़्तिताह (उदघाटन) हज कमेटी के चेयरमैन एपी अबदुल्लाह कुटी ने किया।
इस मौक़ा पर वज़ारत-ए-अक़ल्लीयती उमूर में डायरेक्टर और हज कमेटी आफ़ इंडिया के सीईओ आईआरएस डाक्टर लियाक़त अली आफ़ाक़ी ने बताया कि हज-2025 में हज कमेटी आफ़ इंडिया के लिए 1, 22, 518 कोटा मुक़र्रर है जबकि 1, 51, 918 दरुस्त दरख़ास्तें मौसूल हुईं थी जिसमें तक़रीबन 20,000 हज़ार हज सुविधा एप के जरिये मौसूल हुईं थी जबकि सबसे ज़्यादा 24,484 दरख़ास्तें गुजरात से मौसूल हुईं।
उन्होंने बताया कि 65 साल और इससे ज़्यादा उम्र की 14728 आज़मीन और बग़ैर महरम वाली 3717 ख़ातून का इंतिख़ाब बग़ैर क़ुरआ के किया गया। जिन रियास्तों से 500 से कम दरख़ास्तें आई थी वहां की भी तमाम दरख़ास्तों को मंज़ूरी मिल गई है। क़ुरआ अंदाज़ी के मौके पर जवाइंट सेक्रेटरी (हज) सीपीएस बख़शी, डिप्टी सेक्रेटरी व डिप्टी चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर हज कमेटी आफ़ इंडिया, नाज़िम अहमद, डिप्टी सेक्रेटरी अंकुर यादव, अंडर सेक्रेटरी मुहम्मद नदीम, सिलवर टीच की नुमाइंदे समेत दीगर आला आफ़िसरान मौजूद थे।
क़ुरआ अंदाज़ी में मुंतख़ब तमाम ख़ुशनसीब आज़मीन-ए-हज्ज को मुबारकबाद पेश करते हुए हज कमेटी आफ़ इंडिया के सीईओ डाक्टर लियाक़त अली आफ़ाक़ी ने अपील की वो एडवान्स हज मबलग़ 1, 30, 300 रुपया बैंक रेफरेंस नंबर के साथ स्टेट बैंक आफ़ इंडिया या यूनीयन बैंक आफ़ इंडिया की ब्रांच में 21 अक्तूबर 2024 तक जमा करा दें। आज़मीन को ई पेमेंट की सहूलत भी हज कमेटी आफ़ इंडिया की वैब साइड और हज सुविधा एप पर हासिल रहेगी।
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मुंतख़ब आज़मीन से हज दरख़ास्त फ़ार्म, हलफ़नामा, रक़म जमा कराने की रसीद, ख़ुद का तसदीक़शूदा बैन-उल-अक़वामी मशीन से पढ़ा जाने वाले पासपोर्ट की कापी और मेडिकल स्क्रीईंग और फिटनेस सर्टीफिकट, मुताल्लिक़ा रियास्ती हज कमेटी को 23 अक्तूबर 2024 तक जमा कराने कहा गया है।
डाक्टर आफ़ाक़ी ने मज़ीद कहा कि छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केराला, तामिल नाडू, तेंलगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्रा और उत्तराखंड में क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीये आज़मीन का इंतिख़ाब किया गया जिसकी इत्तिला आज़मीन को एसएमएस के ज़रीए फ़ौरन पहुचाई गई। मुंतख़ब आज़मीन की फेहरिस्त हज कमेटी आफ़ इंडिया की वेबसाइट पर भी फ़ौरन दस्तयाब करा दी गई है। उत्तर प्रदेश, राजिस्थान, जम्मू कश्मीर, झारखंड, उड़ीसा, बिहार, आसाम और आंधरा प्रदेश की तमाम दरख़ास्तों को बग़ैर क़ुरआ के मुंतख़ब कर लिया गया। इसकी वजह इन रियास्तों में कोटे के अंदर दरख़ास्तें मौसूल हुईं थीं। इमसाल इन तमाम हुजाज की मदद-ओ-राहनुमाई लिए 817 स्टेट हज ख़ादिम अल हजाज सऊदी अरब भेजे जाएंगे। डाक्टर आफ़ाक़ी ने मज़ीद अपील की कि आज़मीन आज ही से ज़हनी तौर पर खुद को इस मुक़द्दस सफ़र के लिए तैयार कर लें और रियासती सतह पर मुनाक़िदा हज तर्बीयती प्रोग्राम में ज़रूर शिरकत करें ताकि दौरान-ए-हज तमाम दुशवारीयों से महफ़ूज़ रहें और सफ़र-ए-हज और फ़राइज़ हज को आसान और सही अंजाम दे सकें।
क़ुरआ अंदाज़ी के इख़तताम पर डाक्टर लियाक़त अली आफ़ाक़ी ने तमाम मुंतख़ब आज़मीन-ए-हज्ज से ख़ुसूसी गुज़ारिश करते हुए कहा कि हज बैतुल्लाह के मौक़ा पर और तमाम मुक़द्दस मुक़ामात पर मुल्क अज़ीज़ हिन्दोस्तान की तरक़्क़ी-ओ-ख़ुशहाली, सलामती-ओ-मज़बूती, अमन-ओ-अमान और भाई चारे के लिए ज़रूर दुआ फ़रमाएं।
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