जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
दरूद तुम्हारे सब गमो के लिए काफी होगा और इससे तुम्हारे गुनाह बख्श दिए जाएंगे।
- तिर्मिज़ी
✅ लखनऊ : आईएनएस, इंडिया
यूपी के ज़िला सँभल में जामा मस्जिद में दुबारा सर्वे के दौरान होने वाली झड़पों और आगज़नी के बाद समाजवादी पार्टी के सरबराह अखिलेश यादव ने यूपी हुकूमत पर सख़्त तन्क़ीद की है। अखिलेश ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि सँभल का वाक़िया बहुत संगीन है। उनके मुताबिक़, कई लोग ज़ख़मी हुए हैं और एक नौजवान की जान भी चली गई है।
अखिलेश ने सवाल किया कि जब एक बार सर्वे हो चुका था तो दुबारा सर्वे कराने की जरूरत क्यों पड़ी। और वो भी सुब्ह-सवेरे, दूसरे फ़रीक़ की बात भी नहीं सुनी गई। ये सब कुछ इसलिए किया गया ताकि इंतिख़ाबात से तवज्जा हटा कर बीजेपी अपनी मर्ज़ी के मसाइल पर बहस करवा सके। साबिक़ वज़ीर-ए-आला ने इल्ज़ाम लगाया कि सँभल का वाक़िया बीजेपी और इंतिज़ामीया की मिली भगत का नतीजा है ताकि इंतिख़ाबी बेईमानी पर बात ना हो।
उन्होंने कहा कि हक़ीक़ी फ़तह अवाम की ताक़त से होती है, ना कि सरकारी मशीनरी से। यहां लोगों को वोट डालने से रोका जा रहा है और सरकारी निज़ाम को तर्जीह दी जा रही है। उन्होंने यूपी की 9 असेंबली नशिस्तों पर होने वाले ज़िमनी इंतिख़ाबात के नताइज पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि ग़ैर जांबदाराना तहक़ीक़ात से पता चलेगा कि कई वोटरज़ ने वोट नहीं डाला और नए वोटरज़ का इंदिराज भी मशकूक है। उन्होंने कहा कि जीत के पीछे अगर धोखा हो तो वो हक़ीक़ी नहीं बल्कि दिखावा होती है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस और इंतिज़ामीया ने समाजवादी पार्टी के इंतिख़ाबी एजेंटस को पोलिंग बूथ से निकाल दिया और एसपी के हामी वोटरज़ को वोट डालने से रोका गया। अगर हमारे वोटरज़ बूथ तक नहीं पहुंचे, तो आख़िर वोट किसने डाला, ये एक संगीन सवाल है।
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने इल्ज़ाम लगाया कि पोलिंग में दो तरह की पर्चियां इस्तिमाल की गईं। उनका कहना था कि ये सब इंतिज़ामीया की साज़िश है। हमारे एमएलए जब प्रैस के सामने जाने की तैयारी कर रहे थे, उनकी गाड़ियां बंद कर दी गईं और उन्हें सीता पूर के थाने में रोक दिया गया ताकि वो मीडीया से बात ना कर सकें।
अखिलेश ने सवाल किया कि जब एक बार सर्वे हो चुका था तो दुबारा सर्वे कराने की जरूरत क्यों पड़ी। और वो भी सुब्ह-सवेरे, दूसरे फ़रीक़ की बात भी नहीं सुनी गई। ये सब कुछ इसलिए किया गया ताकि इंतिख़ाबात से तवज्जा हटा कर बीजेपी अपनी मर्ज़ी के मसाइल पर बहस करवा सके। साबिक़ वज़ीर-ए-आला ने इल्ज़ाम लगाया कि सँभल का वाक़िया बीजेपी और इंतिज़ामीया की मिली भगत का नतीजा है ताकि इंतिख़ाबी बेईमानी पर बात ना हो।
उन्होंने कहा कि हक़ीक़ी फ़तह अवाम की ताक़त से होती है, ना कि सरकारी मशीनरी से। यहां लोगों को वोट डालने से रोका जा रहा है और सरकारी निज़ाम को तर्जीह दी जा रही है। उन्होंने यूपी की 9 असेंबली नशिस्तों पर होने वाले ज़िमनी इंतिख़ाबात के नताइज पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि ग़ैर जांबदाराना तहक़ीक़ात से पता चलेगा कि कई वोटरज़ ने वोट नहीं डाला और नए वोटरज़ का इंदिराज भी मशकूक है। उन्होंने कहा कि जीत के पीछे अगर धोखा हो तो वो हक़ीक़ी नहीं बल्कि दिखावा होती है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस और इंतिज़ामीया ने समाजवादी पार्टी के इंतिख़ाबी एजेंटस को पोलिंग बूथ से निकाल दिया और एसपी के हामी वोटरज़ को वोट डालने से रोका गया। अगर हमारे वोटरज़ बूथ तक नहीं पहुंचे, तो आख़िर वोट किसने डाला, ये एक संगीन सवाल है।
प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने इल्ज़ाम लगाया कि पोलिंग में दो तरह की पर्चियां इस्तिमाल की गईं। उनका कहना था कि ये सब इंतिज़ामीया की साज़िश है। हमारे एमएलए जब प्रैस के सामने जाने की तैयारी कर रहे थे, उनकी गाड़ियां बंद कर दी गईं और उन्हें सीता पूर के थाने में रोक दिया गया ताकि वो मीडीया से बात ना कर सकें।
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