जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
संभल शाही जामा मस्जिद के श्री हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद अदालत ने मस्जिद का सर्वे कराने हुक्म सादिर किया था जिसके बाद इतवार, 24 नवंबर को सर्वे टीम मस्जिद का दूसरी बार सर्वे करने पहुंची थी। सर्वे के दौरान तशद्दुद हो गया। भीड़ ने कई गाडियों को आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई इंतिज़ामी आफ़िसरान के साथ पुलिस के कई जवान ज़ख़मी हो गए।
मुआमले में पुलिस ने इतवार को कई लोगों को हिरासत में लिया था। उसी ज़िमन में अगले रोज यानि 25 नवंबर को पुलिस ने मीडिया की मौजूदगी में शाही जामा मस्जिद के सदर ज़फ़र अली को हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई और गिरफ़्तारी पर शाही जामा मस्जिद के सदर ज़फ़र अली ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई के वक़्त पूछा कि मेरा क्या क़सूर है, मुझे क्यों गिरफ़्तार किया जा रहा है। इस पर पुलिस ने कहा कि इल्ज़ाम ये है कि आपका रोल ठीक नहीं है, इसलिए हिरासत में ले रहे हैं।
शाही जामा मस्जिद के सदर ज़फ़र अली को हिरासत में लिए जाने की पहले पुलिस ने तरदीद की थी। हालाँकि उत्तरप्रदेश पुलिस ने कहा कि शाही जामा मस्जिद के सदर को सबूतों की बुनियाद पर हिरासत में लिया गया है। सँभल के एसपी कृष्णा कुमार ने मीडिया को बताया कि तशद्दुद में ज़ख़मी सब इन्सपेक्टर, एकता चौकी इंचार्ज दीपक राठी ने 800 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के रुक्न पार्लियामेंट ज़िया अल रहमान बर्क़ और रुक्न असैंबली नवाब इक़बाल के बेटे सुहेल इक़बाल को भी नामज़द मुल्ज़िम बनाया गया है। उन पर हुजूम को मुश्तइल करने का इल्ज़ाम है। हालांकि बर्क का कहना है कि वो वहां मौजूद भी नहीं थे। इसके बावजूद उनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई। मामले में 2 हजार 750 नामालूम अफराद के खिलाफ 7 एफ़आईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने 25 अफ़राद की गिरफ़्तारी की जानकारी ने दी है।
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