जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
जब तुम अपने घर वालों के पास जाओ तो उन्हें सलाम करो, इससे तुम पर और तुम्हारे घर वालों पर बरकतें नाजिल होंगी।
- तिरमिजी शरीफ
सर्वे की इत्तिला मिलते ही मुस्लिम फ़रीक़ में ग़ुस्सा फैल गया। लोग मस्जिद के इर्दगिर्द और छतों पर जमा हो गए। इस दौरान पूरा इलाक़ा ख़ाली रहा। केला देवी मंदिर के महंत ने दावा किया है कि सँभल की जामा मस्जिद श्री हरी हर मंदिर है। उन्होंने विष्णु शंकर जैन के साथ अदालत में मुक़द्दमा दायर किया, जो ज्ञानवापी मस्जिद केस में वकील थे। सिविल जज सीनीयर डिवीज़न आदित्य सिंह की अदालत में ये दावा पेश किया गया कि जामा मस्जिद की जगह हरी हर मंदिर है।
मुआमले में मर्कज़ी हुकूमत, रियास्ती हुकूमत और एएसआई के अलावा जामा मस्जिद को फ़रीक़ बनाया गया है। अदालत ने सर्वे का हुक्म देते हुए 29 नवंबर तक रिपोर्ट तलब की है। हिंदू फरीक का कहना है कि इस जगह हरी हर मंदिर था जिसे 1529 में गिरा कर मस्जिद में तबदील कर दिया गया। अक़ीदे के मुताबिक़ भगवान कल्कि का दसवां अवतार इस जगह पर होने वाला है। ये जगह एएसआई की फेहरिशत में शामिल महफ़ूज़ मुकामात मे से एक है।
मस्जिद का सर्वे करने गई टीम को भीड़ देखकर पसीना आने लगा। पुलिस और इंतिज़ामीया को भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए काफ़ी जद्द-ओ-जहद करनी पड़ी। इस दौरान ज़्यादा-तर मुस्लमान दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके जामा मस्जिद पहुंच गए जबकि दूसरी तरफ़ के लोग भी जल्दी से अपनी दुकानें बंद करके घरों को चले गए। हालात को क़ाबू से बाहर होते देखकर एसपी कृष्णा कुमार विश्नोई को सँभल कोतवाली के साथ नखासा, हयात नगर, केला देवी, हज़रत नगर गढ़ी और स्मूली थानों की पुलिस बुलानी पड़ी।
गजा : दस लाख से जाईद फ़लस्तीनी बच्चों के लिए जहन्नुम बन चुकी है जमीन : यूनीसेफ
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