जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
नबी करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया : अगर कोई शख्स मुसलमानों का हाकिम बनाया गया और उसने उनके मामले में खयानत की और उसी हालत में मर गया तो अल्लाह ताअला उस पर जन्नत हराम कर देता है।
- मिश्कवत
वक़्फ़ बोर्ड एमेंडमेंड बिल मंज़ूर हुआ तो उसके लिए नायडू और नितीश होंगे ज़िम्मेदार : अरशद मदनी
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडीयम में गुजिश्ता दिनों जमात-ए-उलमा-ए- हिंद की आईन के तहफ़्फ़ुज़ को लेकर कान्फ्रेंस का इनएकाद किया गया। सदारत मौलाना अरशद मदनी ने की। इतवार, तीन नवंबर को मुनाकिद कान्फ्रेंस से खिताब करते हुए उन्होंने वक़्फ़ बोर्ड तरमीमी बिल पर अपना रद्द-ए-अमल देते हुए कहा कि मुल्क में मौजूदा ज़हनीयत फ़िर्कावाराना है।हमें वक़्फ़ तरमीमी बिल को नाकाम करना है, टीडीपी लीडर
उन्होंने कहा, वक़्फ़ तरमीमी बिल एक अहम मसला है। बंगलों में बैठ कर हुक्मरां कभी नहीं समझ सकते कि मुस्लमानों के जज़बात का इससे कितना ताल्लुक़ है। मर्कज़ में बरसर-ए-इक़तिदार टीडीपी सरबराह का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, मैं नायडू का शुक्रिया अदा करता हूँ। मुल्क की अवाम ने बीजेपी हुकूमत को शिकस्त दी, लेकिन बीजेपी हुकूमत दो बैसाखियों पर बैठी है। नायडू साहिब ने टीडीपी के नायब सदर को यहां भेजा है, जो उन्हें यहां के हालात के बारे में बताएँगे। उन्होंने कहा, हम 15 दिसंबर को नायडू के इलाक़े में 5 लाख मुस्लमानों को जमा करेंगे।
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मौलाना मदनी ने तेलगूदेशम और जेडीयू को ख़बरदार किया कि अगर ये क़ानून मंज़ूर होता है तो बीजेपी जिस बैसाखी पर मुल्क पर हुकूमत कर रही है, वो भी ज़िम्मेदार होंगी। ये बिल मुस्लमानों को नुक़्सान पहुंचाने वाला है। जमईयत उलमा हिंद का दावा है कि 24 नवंबर को जमई की तरफ़ से पटना में वक़्फ़ तरमीमी बल के ख़िलाफ़ एक बड़ी रैली निकाली जाएगी। इसमें बिहार के सीएम नतीश कुमार भी शिरकत करेंगे। ख़्याल रहे कि इससे कब्ल सनीचर, 2 अक्तूबर को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा था कि अगर मुस्लमान बिल में तरमीम नहीं चाहते हैं तो उसे एक तरफ़ रख दिया जाए।
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एआईएमपीएलबी के जनरल सेक्रेटरी मौलाना मुहम्मद फ़ज़ल अल रहीम मुजद्ददी ने बंग्लूरू में एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि सिर्फ 13 दिनों में 3.66 करोड़ से ज़्यादा मुस्लमानों ने ईमेल के ज़रीया वक़्फ़ तरमीमी बिल की मुख़ालिफ़त का इज़हार किया है। जब मुस्लमान ये बिल नहीं चाहते तो हुकूमत को उसे नज़रअंदाज करना चाहिए। बोर्ड ने कहा था कि मुशतर्का पारलीमानी कमेटी (जेपीसी) ने इस मसले पर अवाम की राय तलब की है। मुजद्ददी ने हफ़्ता को कहा, इससे कब्ल वक़्फ़ बोर्ड के लिए लाई गई तमाम तरामीम का मक़सद उसे मज़बूत बनाना था। हम जानते हैं कि मौजूदा बिल वक़्फ़ बोर्ड को कमज़ोर कर देगा। यही वजह है कि पर्सनल ला बोर्ड इन तरामीम को क़बूल नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा, हम दरख़ास्त करते हैं कि इस मसले पर तवज्जा दी जाए और इस पर ग़ौर किया जाए कि मुस्लमान क्या चाहते हैं।
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