डेढ़ साल से दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों को नहीं मिली तनख़्वाह, साबिक सीएम के रिहायशा गाह के सामने किया एहतेजाज

 29 जमादी उल आखिर 1446 हिजरी, ब मुताबिक 1 जनवरी 2025 


फरमाने रसूल ﷺ

कयामत के दिन मोमिन के मीज़ान में अखलाक-ए-हसना (अच्छे अखलाक) से भारी कोई चीज़ नहीं होगी, और अल्लाह ताअला बेहया और बद ज़बान से नफरत करता है।

- जमाह तिर्मिज़ी 

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bakhtawar adab, nai tahreek

✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

तनख़्वाह की अदम अदाइगी के ख़िलाफ़ दिल्ली वक़्फ़ के इमामों और मोअज्जन ने गुजिश्ता पीर को आम आदमी पार्टी के क़ौमी कन्वीनर अरविंद केजरीवाल की रिहायश गाह के बाहर, 5 फ़िरोज़ शाह रोड पर एहतिजाज किया। 

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ऑल इंडिया इमाम एसोसीएशन के सदर मौलाना मुहम्मद साजिद रशीदी की क़ियादत में एहतिजाज करने वाले अइम्मा किराम (इमामों) ने कहा कि अगर हमारे सवालों के जवाब नहीं मिले तो हम केजरीवाल की रिहायश गाह के बाहर धरने पर बैठेंगे। मुआमले के बारे में ऑल इंडिया इमाम एसोसीएशन के चेयरमैन साजिद रशीदी ने कहा कि 17 महीने हो गए हैं, और हमें तनख़्वाह नहीं मिली, हम गुजिश्ता 6 माह से इस मसले को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, इस मामले में हम वज़ीर-ए-आला, एलजी और दीगर के साथ बात कर रहे हैं। सीनीयर और जूनीयर आफ़िसरान से मुलाक़ात की है इसके बावजूद हमारे मामले में कोई पहल नहीं हो रही है। इसीलिए आज हम सब यहां जमा हुए हैं। 

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दरअसल, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अइम्मा और मोअज्जन समेत तक़रीबन 240 लोग हैं, जिनकी तनख़्वाहें दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड अदा करता है। वक़्फ़ बोर्ड दिल्ली हुकूमत के तहत आता है। इमामों को गुजिश्ता 17 माह से तनख़्वाहें नहीं मिली हैं। दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के इमाम इस सिलसिले में केजरीवाल से मिलना चाहते हैं। इमाम एक हफ़्ते में तीसरी बार अरविंद केजरीवाल से मिलने आए हैं।

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सीएम आतिशी ने एलजी को लिखा खत, किसी भी मंदिर या मज़हबी मुक़ाम को न करें मुनहदिम 

दिल्ली की वज़ीर-ए-आला आतिशी ने लेफ़्टीनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना को ख़त लिखकर कहा है कि दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध मत के मज़हबी मुक़ामात को नहीं गिराया जाए। सीएम आतिशी ने कहा है कि दलितों का अक़ीदा बौद्ध मत के मज़हबी मुक़ामात से जुड़ा हुआ है। 

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    वज़ीर-ए-आला आतिशी ने कहा कि दिल्ली में किसी भी मंदिर या मज़हबी मुक़ाम को नहीं गिराया जाए। मज़हबी मुक़ाम को मुनहदिम करने से लोगों के जज़बात मजरूह हो सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि मज़हबी कमेटी ने मंदिर के इन्हिदाम की फाईल वज़ीर-ए-आला को दिखाए बग़ैर एलजी को भेज दी है। 

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