फ़लस्तीनीयों की नस्ल कशी जारी, छह फीसद कम हो गई गज़ा की आबादी, 35 हज़ार बच्चे भूख से हो गए शहीद

रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

कयामत के दिन मोमिन के मीज़ान में अखलाक-ए-हसना (अच्छे अखलाक) से भारी कोई चीज़ नहीं होगी, और अल्लाह ताअला बेहया और बद ज़बान से नफरत करता है।

- जमाह तिर्मिज़ी 


फ़लस्तीनीयों की नस्ल कशी जारी, छह फीसद कम हो गई गज़ा की आबादी, 35 हज़ार बच्चे भूख से हो गए शहीद

✅ दुबई : आईएनएस, इंडिया 

इसराईली की ग़ज़ा में जारी जंग के नतीजे में अब तक ग़ज़ा में होने वाली हलाकतों के बाद मजमूई आबादी में छः फ़ीसद कमी हो गई है। ये बात ग़ज़ा में क़ायम मर्कज़ी फ़लस्तीनी इदारा शुमारियात ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताई है। 
    इसराईल को सात अक्तूबर 2023 से शुरू जंग की वजह से नवंबर 2023 से फ़लस्तीनीयों की नसल कुशी के इल्ज़ाम का सामना है। इस सिलसिले में सबसे अहम सबूत बैन-उल-अक़वामी अदालत इन्साफ़ का जनवरी 2024 में दिया गया हुक्म है जिसमें इसराईल को कहा गया है कि वो अपनी फ़ौज को नसल कुशी से रोकने के लिए हर मुम्किन इक़दामात करे और इस बारे में अदालत इन्साफ़ में रिपोर्ट भी जमा कराए। 
    याद रहे, ग़ज़ा में इजराईल हज़ारों फ़लस्तीनीयों को क़तल कर चुका है जिनमें सबसे ज़्यादा तादाद फ़लस्तीनी बच्चों और ख़वातीन की है। इसके साथ ही शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, फ़लस्तीनी आबादियों, घरों, मकानात, हस्पतालों, मसाजिद, गिरजा-घरों, तालीमी इदारों, सड़कों और बिजली और पानी के साथ साथ ख़ुराक की तरसील के निज़ाम को भी तबाह किया है। 




    मर्कज़ी फ़लस्तीनी इदारा शुमारियात के जारी आदाद व शुमार के मुताबिक़ इसराईल की ग़ज़ा जंग ने अब तक 55 हज़ार फ़लस्तीनीयों को कत्ल किया है और एक लाख के क़रीब को ग़ज़ा की पट्टी छोड़ जाने पर मजबूर कर दिया है। तक़रीबन ग्यारह हज़ार फ़लस्तीनीयों की लाशें लापता हैं। ख़दशा है कि उनकी लाशें मलबे के नीचे दबी पड़ी हैं। इस तरह ग़ज़ा में मजमूई आबादी 160000 तक कम हो गई है। 
    वाजेह रहे कि ग़ज़ा की आबादी 2.1 मिलियन है जिसमें 18 साल से कम उमर के फ़लस्तीनी बच्चों की तादाद सबसे ज़्यादा यानी 47 फ़ीसद है। 
    मर्कज़ी फ़लस्तीनी इदारा शुमारियात के मुताबिक़ ग़ज़ा की 22 फ़ीसद आबादी ख़ुराक की दस्तयाबी ना होने की वजह से बदतरीन तबाही से गुज़र रही है। उनमें 3500 बच्चे भी भूख की वजह से हलाकत के ख़तरे से दो-चार हैं। ख़्याल रहे कि इसराईली फ़ौज ने तबाह कर दिए गए ग़ज़ा की मुसलसल नाका बंदी कर रखी है ताकि ख़ुराक और अदवियात भी ग़ज़ा में कम से कम ही जा सकें।



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