सैकडों इसराईली फौजियों ने ग़ज़ा में लड़ने से किया इनकार, जल्द हो सकती है जंग बंदी

रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

कयामत के दिन मोमिन के मीज़ान में अखलाक-ए-हसना (अच्छे अखलाक) से भारी कोई चीज़ नहीं होगी, और अल्लाह ताअला बेहया और बद ज़बान से नफरत करता है।

- जमाह तिर्मिज़ी

सैकडों इसराईली फौजियों ने ग़ज़ा में लड़ने से किया इनकार, जल्द हो सकती है जंग बंदी

✅ मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस : आईएनएस, इंडिया 

इसराईली फ़ौज में ग़ज़ा में जारी जंग के ख़िलाफ़ बोलने वालों की तादाद बढ़ रही है। तक़रीबन 200 फौजियों ने एक ख़त पर दस्तख़त किए हैं जिसमें कहा गया है कि अगर हुकूमत जंग बंदी को यक़ीनी नहीं बनाती है तो वो लड़ाई बंद कर देंगे। 
    सात इसराईली फ़ौजीयों ने अपने इनकार की वजूहात पर प्रेस से बात की है। उनका कहना है कि वो फ़लस्तीनीयों को बे दरेग़ मारने और उनके मकानों को जलाने के हक़ में नहीं हैं। लड़ाई से इनकार करने वाले फौजियों का कहना है कि ख़त पर अगरचे 200 दस्तख़त हैं, लेकिन और भी बहुत से फ़ौजी हमारे ख़्यालात से मुत्तफ़िक़ हैं। फ़ौजी ख़िदमात से इनकार का ख़त एक ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब इसराईल और हम्मास पर लड़ाई ख़त्म करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। जंग बंदी पर बातचीत जारी है, और सदर जो बाईडन और नौ मुंतख़ब सदर डोनल्ड ट्रम्प दोनों ने 20 जनवरी से कब्ल किसी मुआहिदे पर पहुंचने पर ज़ोर दिया है। 
    28 साला एक फौजी का कहना है कि इसराईली फौजियो के हाथों एक निहत्ते फ़लस्तीनी नौजवान के क़तल का मंज़र उनके ज़हन पर नक़्श हो कर रह गया है। उन्होंने बताया कि ग़ज़ा में इसराईल के ज़ेर-ए-क़ब्ज़ा बफर ज़ोन में दाख़िल होने वाले किसी भी ग़ैर मजाज़ शख़्स को गोलीमार देने का हुक्म है। उनका कहना था कि उन्होंने कम-अज़-कम 12 अफ़राद को बफर ज़ोन में गोली खा कर गिरते हुए देखा है। उनका ये भी कहना था कि कुछ हलाकतों की ज़िम्मेदार हम्मास भी है। एक गिरफ़्तार फ़लस्तीनी ने बताया था कि हम्मास ने कुछ लोगों को बफर ज़ोन में जाने के लिए 25 डालर दिए थे ताकि ये अंदाज़ा लगाया जा सके कि इसराईली फ़ौज क्या रद्द-ए-अमल देगी। 
    लड़ाई से इनकार करने वाले सात फ़ौजियों ने प्रेस को बताया कि उन्हें ऐसे घरों को जलाने या गिराने का हुक्म दिया गया था जिनसे कोई ख़तरा नहीं था। उन्होंने फ़ौजियों को घरों को लोटते और उनकी तोड़ फोड़ करते हुए देखा। कुछ फ़ौजीयों ने बताया कि उन्होंने ग़ज़ा में जो कुछ होते हुए देखा, उसे ज़हनी तौर पर क़बूल करने में वक़्त लगा। कई दूसरे फ़ौजियों ने कहा कि बाअज़ वाक़ियात ऐसे थे कि उनका फ़ौरी तौर पर फ़ौज की नौकरी छोड़ने को दिल चाहा। 
    लड़ने से इनकार करने वाले फ़ौजी अपने ख़त पर ज़्यादा से ज़्यादा दस्तख़त हासिल करने के लिए इस महीने तेल अबीब में एक इजतिमा कर रहे हैं। फ़ौज के मुताबिक़ इस जंग में अब तक 830 इसराईली फ़ौजी मारे जा चुके हैं।

ग़ज़ा जंग बंदी मुआहिदे के क़रीब

वाशिंगटन : अमरीका के सदर जो बाईडन ने कहा है कि ग़ज़ा में जंग बंदी का मुआहिदा बहुत क़रीब है। उन्होंने पीर को अपने आख़िरी फारेन पालिसी ख़िताब में कहा कि मुआहिदे के तहत यरग़मालों (कैदियों) की रिहाई हो सकती है जबकि फ़लस्तीनीयों के लिए इमदाद में वसीअ पैमाने में इज़ाफ़ा होगा। 
    जो बाईडन ने फारेन पालिसी ख़िताब ऐसे मौक़ा पर किया है, जब उनकी मुद्दत-ए-सदारत का आख़िरी हफ़्ता शुरू हो चुका है और आने वाले पीर को नौ मुंतख़ब सदर डोनल्ड ट्रम्प ये ओहदा सँभाल लेंगे। अमरीका, क़तर और मिस्र ग़ज़ा में जंग बंदी के लिए हम्मास और इसराईल के दरमयान बिलाबास्ता मुज़ाकरात में हिस्सा ले रहे हैं। 
    खबर के मुताबिक़ फ़रीक़ैन (दोनों पक्षों) के दरमयान दोहा में दुबारा बातचीत में अहम तरीन पेश-रफ़्त हो चुकी है जिससे इसराईल और हम्मास मरहला वार जंग बंदी के मुआहिदे के क़रीब आते जा रहे हैं। अलबत्ता अब भी कई रुकावटें मौजूद हैं इसी वजह से फ़रीक़ैन हतमी मुआहिदे पर नहीं पहुंच सके हैं। अमरीकी सदर का कहना है कि बड़ी तादाद में बेगुनाह अफ़राद मारे जा चुके हैं। कई बिरादरीयों को तबाही का सामना करना पड़ा है। उनके बाक़ौल फ़लस्तीनी अवाम अमन के मुस्तहिक़ हैं। 
    सदर जो बाईडन का कहना था कि मुआहिदे के तहत यरग़माल रिहा होंगे। जंग बंद हो जाएगी। इसराईल की सिक्योरिटी इस मुआहिदे में शामिल है। उन्होंने कहा कि ये मुआहिदा फ़लस्तीनीयों के लिए बड़े पैमाने पर इमदाद की फ़राहमी का ज़ामिन होगा जिन्होंने हम्मास की शुरू की गई इस जंग से बहुत ज़्यादा नुक़्सान उठाया है। हम्मास ने सात अक्तूबर 2023 को इसराईल के जुनूबी इलाक़ों पर दहश्तगर्द हमला किया था जिसमें इसराईली हुक्काम के मुताबिक़ लगभग 1200 अफ़राद हलाक और 251 को यरग़माल बना लिया गया था। इस हमले के फ़ौरी बाद इसराईल के वज़ीर-ए-आज़म बेंजामिन नेतन्याहू की हुकूमत ने हम्मास के ख़िलाफ़ एलान-ए-जंग कर दिया था। 
    एक साल से ज़ाइद अर्से से जारी इस जंग के दौरान हम्मास के जे़र-ए-इंतज़ाम महकमा-ए-सेहत के मुताबिक़ 46 हज़ार से ज़ाइद फ़लस्तीनीयों की मौत हो चुकी है जिनमें ज़्यादा-तर बच्चे और ख़वातीन शामिल हैं। सात अक्तूबर 2023 को शुरू होने वाली लड़ाई के एक साल तीन माह में फ़रीक़ैन के दरमयान सिर्फ एक-बार नवंबर 2023 मैं चंद रोज़ की आरिज़ी जंग बंदी हुई थी। आरिज़ी जंग बंदी में हम्मास ने 80 यरग़मालों को रिहा किया था जबकि मुआहिदे के तहत इसराईल की जेलों में क़ैद 240 फ़लस्तीनीयों को आज़ादी मिली थी। अब भी लगभग सौ यरग़माली हम्मास की तहवील में मौजूद हैं जिनके बारे में इसराईली फ़ौज का कहना है कि इन यरग़मालों में से 34 की मौत हो चुकी है। 
    खबर के मुताबिक़ इसराईली हुक्काम का कहना है कि मुज़ाकरात अहम मराहिल में दाख़िल हो चुके हैं। इन मुज़ाकरात से 33 यरग़मालों की रिहाई का इमकान है। इसराईली हुक्काम के बाक़ौल अब भी 98 यरग़माली ग़ज़ा में मौजूद हैं। इसराईली वज़ीर-ए-ख़ारजा का कहना है कि अब तक होने वाली पेश-रफ़्त गुजिश्ता कोशिशों से बहुत बेहतर है। हम्मास के ओहदेदारान का भी कहना है कि कुछ अहम तरीन इशूज़ पर मुज़ाकरात में पेश-रफ़्त हो चुकी है। बाक़ी इशूज़ पर भी जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे
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