रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
पूछा गया, या रसूल अल्लाह ﷺ क्या हमारे लिए जानवरों के साथ अच्छा सुलूक करने में भी अज्र है, आप ﷺ ने फरमाया: हाँ, हर नर्म जिगर वाले यानी हर जानदार के साथ अच्छा सुलूक करने में अज्र है।
- सहीह बुख़ारी
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इसराईल और हम्मास के दरमयान जंग बंदी और यरग़मालियों के तबादले का बिलआख़िर मुआहिदा हो गया। 15 माह एक हफ़्ते तक जारी जंग में ग़ज़ा पर 85 हज़ार टन बारूद बरसाया गया। बुध को क़तर के दार-उल-हकूमत दोहा में वज़ीर-ए-आज़म मुहम्मद बिन अबदुर्रहमान बिन जासम एलिसानी ने ग़ज़ा जंग बंदी मुआहिदा तै पाने का ऐलान किया और कहा कि जंग बंदी मुआहिदा करवाने के लिए क़तर, मिस्र और अमरीका की कोशिशें कामयाब हो गई।
उन्होंने कहा कि जंग बंदी का इतलाक़ (लागू) 19 जनवरी से होगा, हम्मास और इसराईल के साथ जंग बंदी के मराहिल पर अमल दरआमद के हवाले से काम जारी है। कतरी वज़ीर-ए-आज़म ने बताया कि मुआहिदे के पहले मरहले में इसराईली यरग़मालियों और फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई होगी। मुआहिदे के पहले मरहले में बे-घर अफ़राद की घरों को वापसी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक़ 7 अक्तूबर 2023 से जारी जंग में ग़ज़ा पर 85 हज़ार टन बारूद बरसाया गया जो 47 हज़ार से ज़ाइद फ़लस्तीनीयों की नसल कुशी और एक लाख 15 हज़ार के ज़ख़मी होने का सबब बना। हजारों शहरी लापता हैं। खदशा है कि लापता लोगों की लाशें तबाह शहरों की इमारतों और घरों के मलबे तले दबे हुए हैं जिसे हटाने में 10 साल से ज़ाइद का वक्त लगने का इमकान है।
15 माह एक हफ़्ते तक जारी रहने वाली जंग में नक़्ल मकानी पर मजबूर किए गए 20 लाख फ़लस्तीनी उजड़े घरों को लौटने के मुंतज़िर हैं। जंग में हम्मास के सरबराह इस्माईल हनिया को तेहरान में जबकि दूसरे सरबराह यहया सँवार को ग़ज़ा में शहीद किया गया। सवा साल दुनिया लफ़्ज़ी सिफ़ारतकारी से काम चलाती रही, इस दौरान अमरीका ने इसराईल का खुला साथ दिया।
याद रहे कि 7 अक्तूबर 2023 को हम्मास के हमले में 1100 इसराईली हलाक और 240 को यरग़माल बनाया गया था। ज़्यादा तर यरग़माली पिछले बरस नवंबर में रिहा हुए या इसराईली हमलों ही में मारे गए। इसराईली हुक्काम का दावा है कि 98 यरग़माली अब भी हम्मास के पास हैं। इसराईल पर हम्मास के हमले के बाद बहीमाना जंग मुसल्लत की गई। हम्मास ने कहा कि जंग बंदी का मुआहिदा फ़लस्तीनी अवाम की बेमिसाल क़ुर्बानीयों का नतीजा है, ये ग़ज़ा में 15 माह से जारी दिलेराना मुज़ाहमत का नतीजा है, ये फ़लस्तीनी अवाम, मुज़ाहमत, उम्मत और आज़ाद दुनिया के लिए कामयाबी है।
वाजेह रहे कि 6 हफ़्तों की जंग बंदी पर अमल दरआमद 3 मराहिल में किया जाएगा, मरहलावार (सिलसिलेवार) सिवीलियन क़ैदियों का तबादला और जंग के ख़ातमे पर मुज़ाकरात होंगे। दूसरे मरहले में इसराईली फ़ोर्स के क़ैदी हम्मास रिहा करेगी और ग़ज़ा के अवामी मुक़ामात से इसराईली फ़ौज का इन्ख़िला होगा। तीसरे मरहले में इसराईली फ़ोर्सिज़ का ग़ज़ा से मुकम्मल इन्ख़िला और ग़ज़ा की ताअमीर-ए-नौ पर काम किया जाएगा।
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