रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
जब तुम अपने घर वालों के पास जाओ तो उन्हें सलाम करो, इससे तुम पर और तुम्हारे घर वालों पर बरकतें नाजिल होंगी।
- तिरमिजी शरीफ
आग से जलने वाली इमारतों में 20 मुसलमान
खानदान के घर भी हो गए खाक
खानदान के घर भी हो गए खाक
लास एंजलिस में सात जनवरी को भड़कने वाली आग के फ़ौरन बाद इस्लामिक सर्किल आफ़ नॉर्थ अमरीका ने मुतास्सिरा अफ़राद की मदद शुरू कर दी है। तंज़ीम ने रीलीफ़ काम के लिए 250,000 डालर मुख़तस (रिजर्व) किए हैं।
मुतास्सिरा लोगों को गर्म कपड़े, कम्बल और ताज़ा ख़ुराक पहुंचाने के अलावा माहिरीन नफ़सियात (मनोवैज्ञानिक) की ख़िदमात भी फ़राहम की जा रही है जो लोगों को इस अलमनाक सूरत-ए-हाल में तसल्ली और उम्मीद का पैग़ाम दे रहे हैं। इक़ना रीलीफ़ यूएसए के चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर अब्दुल रऊफ ख़ान ने वाइस आफ़ अमरीका को बताया कि फ़लाही तंजीम तीन हज़ार ख़ानदानों को इमदाद फ़राहम करेगी।
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उन्होंने बताया कि रियासत कैलीफोर्निया के जुनूब में आग फैलने के इस वाक़िये के दौरान 20 मुस्लमान ख़ानदान भी बे-घर हुए हैं। इन्सानी हमदर्दी की तंज़ीम इस्लामिक सर्किल आफ़ नॉर्थ अमरीका का एक कारकुन लास ऐंजलिस के इलाक़े में आग के क़रीब काम कर रहा है। इक़ना के मुताबिक़ दीगर अफ़राद की तरह उन ख़ानदानों को भी शदीद माली नुक़्सान हुआ है और उनके घर और कारें भी आग में जल गईं। उनके मुताबिक़ इन ख़ानदानों को शेल्टर, ख़ुराक और गर्म कपड़ों जैसी ज़रूरी इमदाद फ़राहम कराई जा रही है।
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ताहम, अब्दुल रऊफ ने कहा, तंज़ीम की ख़िदमात मुस्लमानों तक महिदूद नहीं हैं, हम ये काम इन्सानियत की ख़िदमत के तौर पर बिला किसी इमतियाज़ के कर रहे हैं। उनके मुताबिक़ उनकी तंज़ीम को आफ़त-ए-ज़दाह इलाक़ों या हालात में नसफ़ सदी (आधी शताब्दी) से ज़्यादा रीलीफ़ का काम करने का तजुर्बा है और हर शोबे में उसके पास माहिरीन की ख़िदमात दस्तयाब हैं। उन्होंने कहा, उनकी टीम आग के दौरान होने वाले नुक़्सानात का जायज़ा ले रही है। इसका एक डीज़ासटर रीलीफ़ का डिपार्टमेंट है, जिसमें अमरीका की क़ुदरती आफ़ात से निमटने वाले तर्बीयत याफताह मैनेजर काम करते हैं।
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अभी साफ नहीं होगा मलबा
आग से तबाह होने वाली इमारतों का मलबा हटाने पर पाबंदी आइद कर दी गई है। अमरीकी मीडीया के मुताबिक़ ये पाबंदी उस वक़्त तक बरक़रार रहेगी कि जब तक ख़तरनाक मवाद की जांच करने वाला महकमा अपनी तहक़ीक़ात मुकम्मल नहीं कर लेता। हुक्काम का कहना है कि इमारतों के मलबे, राख और गर्द में एसबेस्टोस्, भारी धातें और दीगर ख़तरनाक मवाद शामिल हो सकते हैं।
हुक्काम के मुताबिक़ ये ख़तरनाक चीजें सांस के ज़रीये जिल्द पर लगने या पीने के पानी में शामिल हो कर जिस्म में दाख़िल हो सकते हैं। मलबे को नामुनासिब तरीक़े से ठिकाने लगाने से उन ख़तरनाक मादों के फैलाव का ख़तरा पैदा हो सकता है जिससे इमदादी कारकुनों, रिहायशियों और माहौल को नुक़्सान पहुंच सकता है। ख़्याल रहे कि लास ऐंजलिस में 7 जनवरी से लगी आग पर ताहाल क़ाबू नहीं पाया जा सका है। इससे 37 हज़ार एकड़ से ज़ाइद रकबा मुतास्सिर है और इसके नतीजे में अब तक 25 अफ़राद हलाक जबकि एक लाख से ज़ाइद बे-घर हो चुके हैं।
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