ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह के अवामी बहबूद के पैग़ामात ने छोड़े हैं न मिटने वाले नक्श : मोदी

 रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

कामिल मोमिन वो है, जो खुश अखलाक हो और घर वालों से नरम सुलूक करने वाला हो।
- तिर्मिज़ी

मर्कजी वजीर किरण रिजीजू ने पीएम मोदी की चादर पेश कर सुनाया पैग़ाम

मर्कजी वजीर किरण रिजीजू ने पीएम मोदी की चादर पेश कर सुनाया पैग़ाम

✅ अजमेर : आईएनएस, इंडिया

सुलतान उल हिंद हजरत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ अलैहि रहमा के मज़ार पर पीएम मोदी की तरफ़ से भेजी गई चादर मर्कज़ी वज़ीर किरण रिजीजू ने पेश की। सनीचर की सुबह मर्कज़ी वज़ीर किरण रिजीजू पीएम मोदी की चादर लेकर अजमेर पहुंचे। इस मौक़ा पर उन्होंने मीडिया अहलकारों और ज़ाइरीन के सामने वज़ीर-ए-आज़म का पैग़ाम पढ़ कर सुनाया। 



    वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने अपने पैग़ाम में लिखा कि ग़रीब नवाज़ रहमतुल्ला अलैह के 813 वें उर्स मुबारक के मौके़ पर दुनिया-भर में उनके पैरोकारों और अजमेर शरीफ़ में आए सभी ज़ाइरीन को दिल्ली मुबारकबाद। मुख़्तलिफ़ अदवार (अलग-अलग कालखंड) में हमारे पीरों, फ़क़ीरों और अज़ीम शख़्सियात ने अपने नज़रियात से अवाम की ज़िंदगी में तबदीली लाई है। इस सिलसिले में ग़रीब नवाज़ ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती रहमतुल्लाह अलैह के अवामी बहबूद (जनहित) और भलाई से जुड़े पैग़ामात ने लोगों पर अनमिट नुक़ूश छोड़े हैं। उनके लिए दुनियाभर में लोगों की गहिरी अक़ीदत है। समाज में मुहब्बत और यकजहती को फ़रोग़ देने के लिए वक़्फ़ उनकी ज़िंदगी हमारी रहनुमाई करती रहेगी। उनके सालाना उर्स की तक़रीब ने आपसी मेल-जोल को तक़वियत देने में बड़ा किरदार निभाया है। मुझे यक़ीन है कि ये मौक़ा मुल्क और समाज की तरक़्क़ी के लिए हर मुम्किन काम करने की तरग़ीब देगा। 

    सालाना उर्स के मौके़ पर मैं चादर भेजते हुए ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती को सलाम करता हूँ और अहले वतन की कामयाबी और ख़ुशहाली की उम्मीद करता हूँ।

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