ग़ज़ा : हर रोज 600 ट्रक इमदादी सामान लेकर होंगे दाखिल, तेजी से होगी अस्पतालों की मरम्मत

 रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ

तुम्हें नमाज़े इशा की बदौलत पहली उम्मतों पर फज़ीलत दी गई, तुम से पहले ये नमाज किसी उम्मत ने नहीं पढ़ी।

- अबु दाऊद

 

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✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया 

इसराईली हुकूमत की जानिब से ग़ज़ा की पट्टी में जंग बंदी की मंज़ूरी के बाद आलमी इदारा सेहत ने इमदाद में इज़ाफे़, मेडिकल सहूलयात से लैस हस्पतालों के क़ियाम और मरीज़ों को निकालने के मन्सूबों का ऐलान किया है। 
    फ़लस्तीनी इलाक़ों में आलमी इदारा-ए-सेहत के नुमाइंदे ने जुमे के रोज़ कहा कि जंग बंदी के मुआहिदे की शराइत के तहत ग़ज़ा तक इमदाद की तरसील को यौमिया (प्रतिदिन) 600 के क़रीब ट्रक तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने जिनेवा में एक प्रेस बयान में कहा कि मेरे ख़्याल में वहां इमकान बहुत ज़्यादा है, खासतौर पर जब दूसरी क्रासिंग खुलती है। उन्होंने मज़ीद कहा कि आलमी इदारा-ए-सेहत अगले दो महीनों के दौरान ग़ज़ा में तबाह-हाल सेहत के शोबे की मदद के लिए तैयार शूदा हस्पतालों की एक ग़ैर मुतय्यना तादाद को बहाल कराने का इरादा रखता है। उन्होंने मज़ीद कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ग़ज़ा में जंग बंदी के साथ 12,000 से ज़्यादा मरीज़ों के मेडिकल सहूलत फराहम कराने में इज़ाफ़ा होगा। 
    काबिल-ए-ज़िक्र है कि ये मुआहिदा बुध को क़तर, मिस्र और अमरीका की कोशिशों के बाद तै पाया गया है जो 3 मराहिल पर मुश्तमिल है। पहला मरहला छः हफ़्ते तक जारी रहने की तवक़्क़ो है, जिसके दौरान 33 इसराईली क़ैदियों, जिनमें ख़वातीन, बच्चे, बूढ़े और बीमार शामिल हैं, जिन्हें फ़लस्तीनी कैदियों के बदले रिहा किया जाएगा। पहले मरहले में ग़ज़ा की पट्टी से इसराईली फौज के बतदरीज इनख़ला (क्रमश: निकासी) की शर्त भी रखी गई है। 
    दूसरे मरहले में तबाह शूदा फ़लस्तीनी इलाक़े ग़ज़ा से इसराईली फ़ौज के मुकम्मल इन्ख़िला और इमदाद में इज़ाफ़ा शामिल होगा और तीसरा मरहला ग़ज़ा की ताअमीर-ए-नौ की राह हमवार करता है।

रूस-यूक्रेन जंग में 12 हिन्दुस्तानी शहरी हलाक, 16 लापता, 96 मुल्क लौटे

नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन जंग में केराला के थरेसूर के शहरी की मौत के बारे में वज़ारत-ए-ख़ारजा ने कहा है कि उनकी मौत इंतिहाई अफ़सोसनाक है। वज़ारत ने लवाहिक़ीन (परिवारजन) के तईं अपनी ताज़ियत का इज़हार किया और यक़ीन दिलाया कि हिन्दुस्तानी सिफ़ारत ख़ाना रूसी हुक्काम के साथ राबते में है ताकि मुतवफ़्फ़ी (मृत) हिंदूस्तानियों की लाशों की जल्द अज़ जल्द हिन्दोस्तान वापसी को यक़ीनी बनाया जा सके। 
    वज़ारत-ए-ख़ारजा ने कहा है कि रूस-यूक्रेन जंग में 12 हिन्दुस्तानी शहरी मारे गए हैं जबकि 16 लापता हैं। वज़ारत-ए-ख़ारजा (विदेश मंत्रालय) के तर्जुमान रणधीर जयसवाल ने कहा कि हमारा सिफ़ारत ख़ाना रूसी हुक्काम से राबते में है ताकि उनकी लाश को जल्द अज़ जल्द हिन्दोस्तान वापिस लाया जा सके। 
    दूसरा शख़्स जो मास्को में ज़ेर-ए-इलाज है, उसके भी ईलाज मुकम्मल करने के बाद जल्द हिन्दोस्तान वापिस आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आज तक रूसी फ़ौज में ख़िदमात अंजाम देने वाले हिन्दुस्तानी के 126 केसिज़ सामने आए हैं जिनमें से 96 लोग हिन्दोस्तान वापिस आ चुके हैं और उन्हें रूसी मुसल्लह अफ़्वाज (फौज) से फ़ारिग़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रूसी फ़ौज में 18 हिन्दुस्तानी शहरी बाक़ी हैं और उनमें से 16 लापता हैं। रूसी फ़रीक़ ने उन्हें लापता क़रार दिया है। हम उनकी जल्द रिहाई और मुल्क वापसी का मुतालिबा कर रहे हैं। बच जाने वाले 12 हिन्दुस्तानी शहरी, जो रूसी फ़ौज में ख़िदमात अंजाम दे रहे थे, वो हलाक हो चुके हैं।


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