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ज्ञान वापी मस्जिद : हाईकोर्ट में नहीं हो सकी वुज़ू ख़ाना के एएसआई सर्वे से मुताल्लिक़ सुनवाई

रबि उल अल 1446 हिजरी 

  फरमाने रसूल ﷺ   

जो आदमी इस हाल में फौत हुआ के वह अल्लाह ताअला और आख़ेरत पर इमान रखता हो तो उससे कहा जाएगा, जन्नत के आठ  दरवाज़ों में से जिस दरवाज़े से दाखिल होना चाहता है, दाखिल हो जा।

- मसनद अहमद

ज्ञान वापी मस्जिद : हाईकोर्ट में नहीं हो सकी वुज़ू ख़ाना के एएसआई सर्वे से मुताल्लिक़ सुनवाई


✅  इलाहाबाद :  आईएनएस, इंडिया 

वाराणसी की ज्ञान वापी मस्जिद अहाता में वाके वुज़ू ख़ाना का आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया (एएसआई) से साईंसी सर्वे कराए जाने के मुतालिबा से मुताल्लिक़ मुआमले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीर को होने वाली समाअत नहीं हो सकी। 
    क़ाबिल ज़िक्र है कि पीर को अर्ज गुज़ार राखी सिंह की तरफ़ से अदालत में जवाबी हलफ़नामा दाख़िल करना था। मुआमले में ज्ञान वापी मस्जिद की इंतिज़ामीया कमेटी गुजिश्ता माह ही अपना जवाब दाख़िल कर चुकी है। मस्जिद कमेटी की तरफ़ से कहा गया था कि सुप्रीमकोर्ट ने वुज़ू ख़ाना अहाता को पूरी तरह महफ़ूज़ रखने का हुक्म दिया है। ऐसे में इस जगह पर कोई सर्वे नहीं किया जा सकता। इस बारे में वाराणसी की ज़िला अदालत का फ़ैसला पूरी तरह सही है और राखी सिंह की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया जाना चाहीए। 



    शृंगार गौरी केस की अहम मुद्दई राखी सिंह की जानिब से हाईकोर्ट में दरख्वास्त दायर की गई है जिसके ज़रीया, ज्ञान वापी काम्प्लेक्स के बाक़ी हिस्सों की तरह, हिन्दोस्तान के आसारे-ए-क़दीमा के सर्वे के ज़रीया वुज़ू ख़ाना का भी साईंसी सर्वे कराया जाना चाहिए। कहा गया है कि सर्वे एजेंसी वुज़ू ख़ाना में पाए जानेवाले मुबय्यना शिवलिंग को कोई नुक़्सान पहुंचाए बग़ैर सर्वे कर सकती है। वाराणसी की ज़िलई अदालत में चल रहे शृंगार गौरी केस के हल में सर्वे रिपोर्ट बहुत अहम साबित हो सकती है। वुज़ू ख़ाना के हिस्से में हिंदूओं की बहुत सी अलामतें भी मिल सकती हैं। 
    मई 2022 में ऐडवोकेट कमीशन के दौरान मुबय्यना शिवलिंग मिलने का दावा करने के बाद वुज़ू ख़ाने को सील कर दिया गया था। सुप्रीमकोर्ट ने भी मुबय्यना शिवलिंग को महफ़ूज़ रखने का हुक्म दिया है। आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया गुजिश्ता साल वुज़ू ख़ाना को छोड़ कर ज्ञान वापी अहाता के पूरे हिस्से का सर्वे कर चुका है जिसमें दावा किया जा रहा है कि हिंदूओं के कई अलामती निशान यहां पाए गए हैं। हालाँकि अभी इससे मुताल्लिक़ कोई तसदीक़ शूदा खबर नहीं आई है। 

बदक़िस्मती से कुछ लोग ज्ञान वापी को मस्जिद कहते हैं : योगी

गोरखपुर : यूपी के वज़ीर-ए-आला योगी आदित्य नाथ ने काशी में मुल्क के चारों कोनों में रुहानी मराकज़ क़ायम करने वाले आदि शंकर के मुराक़बा के दौरान भगवान विश्वानाथ की तरफ़ से लिए गए इमतिहान के एक इक़तिबास का ज़िक्र करते हुए कहा कि बदक़िस्मती से कुछ लोग ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं, जबकि वो विश्वनाथ जी हैं। 
    महाराष्ट्र में संत दिनेश्वर दास की रिवायत मतसेंद्र नाथ जी, गोरख नाथ जी और न्योरोती नाथ जी की भी एक कड़ी है। नाथ पंथ की रिवायत से मुताल्लिक़ शबिया को महफ़ूज़ करने और उन्हें म्यूज़ीयम की शक्ल में महफ़ूज़ करने की ज़रूरत पर-ज़ोर देते हुए वज़ीर-ए-आला ने कहा कि गोरखपूर यूनीवर्सिटी के महा योगी गुरु गोरख नाथ शोधपीठ इस सिम्त में पहल कर सकते हैं। 
    उन्होंने अपील की कि वो नाथ पंथ से मुताल्लिक़ तमाम पहलूओं और नाथ योगियों की अलामतों को जमा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि नाथ पंथ ने हमेशा मुल्क, वक़्त और हालात के मुताबिक़ अपने किरदार को समझा। जब मुल्क में बैरूनी हमले शुरू हुए तो नाथ पंथ के योगियों ने सारंगी बजा कर समाज को मुल्क को लाहक़ ख़तरात से आगाह किया। इसी तरह नाथ पंथ भी समाजी कनवेनशन पर हमला करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि ये ख़ुशक़िसमती की बात है कि गोरख नाथ जी ने अपनी साधना के ज़रीये गोरखपूर को पाक किया। सीएम योगी ने हफ़्ता को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपूर में  हम-आहंगी से भरपूर समाज की तामीर में नाथ पंथ का तआवुन के मौज़ू पर बैन-उल-अक़वामी सेमीनार के इफ़्तिताही इजलास से ख़िताब किया। ये दो-रोज़ा सेमीनार गोरखपूर यूनीवर्सिटी और हिन्दुस्तानी अकेडमी प्रयाग राज के मुशतर्का ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िद किया जा रहा है।
 

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