रबि उल अल 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
बेशक अल्लाह ताअला रोज़े कयामत फरमाएगा, मेरी अज़मत व ताज़ीम की खातिर बाहमी (आपस में) मोहब्बत करने वाले कहाँ है? मैं आज उनको अपने साए में जगह दूंगा, उस दिन मेरे साए के सिवा कोई साया नहीं होगा।
- मिश्कवात, मुस्लिम
✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
वक़्फ़ बोर्ड के इख़्तयारात को महदूद करने के मक़सद से लाया गया वक़्फ़ तरमीमी बिल मुशतर्का पारलीमानी कमेटी (जेपीसी) को भेज दिया गया है। इस सिलसिले में जेपीसी की अब तक चार मीटिंगें हो चुकी हैं। इस दौरान जेपीसी ने वक़्फ़ तरमीमी बिल के हवाले से आम लोगों से तजावीज़ मांगी थीं। मुआमले में अब तक तक़रीबन 84 लाख तजावीज़ ई-मेल के ज़रीये जेपीसी के पास भेजी जा चुकी हैं। इसके साथ तहरीरी तजावीज़ से भरे तक़रीबन 70 बुक्स भी जेपीसी के पास भेजे जा चुके हैं।
काबिल-ए-ज़िक्र है कि जेपीसी ने तजावीज़ देने की आख़िरी तारीख़ 15 सितंबर की रात 12 तक बढ़ा दी गई थी। मुशतर्का पारलीमानी कमेटी का अगला इजलास 19 और 20 सितंबर को होगा। गौरतलब है कि वक्फ तरमीमी बिल के खिलाफ मुस्लमानों की जानिब से ज़बरदस्त तहरीक चलाई गई और मुहिम के तहत ई-मेल भेजे गए। कहा जा रहा है कि बोर्ड के तवस्सुत से तक़रीबन 6 करोड़ तजावीज़ बिल की मुख़ालिफ़त में भेजे गए हैं। मगर जवाइंट पारलीमानी कमेटी ने कहा है कि उन्हें सिर्फ 84 लाख ई-मेल्ज़ और 70 बॉक्स तहरीरी शक्ल में मौसूल हुए हैं। इससे ये तशवीश (फिक्र) बढ़ गई कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के ज़रीया भेजे गए ई-मेल कहाँ गए, इस सिलसिले में बताया जाता है कि ई-मेल के साथ-साथ कमेटी को उसकी हार्ड कापी भी भेजना था। सिर्फ क्यूआर कोड को स्कैन कर गूगल पर जा कर मेल किया गया और उसे खोल कर कमेटी को भेज दिया गया था। जबकि पार्लीमैंट के जवाइंट सेक्रेटरी की जानिब से सर्कुलर अंग्रेजी अख़बार में निकाला गया था जिसमें वाज़िह तौर से लिखा था कि जो ई-मेल करेंगे, उसकी प्रिंट आउट निकाल लें, उस पर दस्तख़त करके उसे पार्लीमैंट के जवाइंट सेक्रेटरी लोक सभा सेक्रेटेरियट कसे भेजना चाहिए था।
वाजेह रहे कि लोगों का कहना है कि वक़्फ़ बिल में बहुत सी ख़ामियाँ हैं और इससे मुस्लिम कम्यूनिटी को नुक़्सान पहुँचेगा। वो चाहते हैं कि हुकूमत इस बिल को वापिस ले और मुस्लिम कम्यूनिटी के जज़बात का एहतिराम करे। काबिल-ए-ज़िक्र है कि 26 से 1 अक्तूबर के दरमयान जेपीसी के अरकान (सदस्य) मुल्क के 6 बड़े शहरों मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बंग्लूरू शहरों का दौरा करेंगे और वहां के संजीदा लोगों और मुस्लिम तन्ज़ीमों से राय लेंगे।
वक़्फ़ तरमीमी बिल के लिए बनाई गई मुशतर्का पारलीमानी कमेटी के चेयरमैन जगदम्बीका पाल हैं, जो बीजेपी से रुकन पार्लीमैंट हैं। वक़्फ़ बिल 2024 पर जेपीसी की पहली मीटिंग से ही मुख़्तलिफ़ अपोज़ीशन जमातों के कई मेंबरान पार्लीमैंट ने कहा था कि बिल का मौजूदा मुसव्वदा आज़ादी, मज़हबी आज़ादी और मुसावात के क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करेगा। वक़्फ़ ट्रब्यूनल में डीएम और अक़ल्लीयती बिरादरी से बाहर के अरकान को शामिल करने पर एतराज़ किया गया है। ई-मेल और तहरीरी तजावीज़ पर ग़ौर करने के साथ, जेपीसी कुछ माहिरीन और स्टेक होल्डरज़ की राय और तजावीज़ को भी सुनेगी। बिल पर ग़ौर-ओ-खोज के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट पार्लीमैंट के सरमाई इजलास से पहले पेश करेगी।
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