वक़्फ़ बोर्ड के पास जमीन ही जमीन, लेकिन मुसलमानों का न कोई स्कूल, कालेज न कोई अस्पताल

रबि उल अल 1446 हिजरी 

  फरमाने रसूल ﷺ  

बेशक अल्लाह ताअला रोज़े कयामत फरमाएगा, मेरी अज़मत व ताज़ीम की खातिर बाहमी (आपस में) मोहब्बत करने वाले कहाँ है? मैं आज उनको अपने साए में जगह दूंगा, उस दिन मेरे साए के सिवा कोई साया नहीं होगा।

- मिश्कवात, मुस्लिम 



✅ रामपुर : आईएनएस, इंडिया 

रामपुर की तारीख़ी रज़ा लाइब्रेरी के 250 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। इस हवाले से रज़ा लाइब्रेरी में एक प्रोग्राम का इनइक़ाद किया गया जिसमें केराला के गवर्नर आरिफ़ मुहम्मद ख़ान ने भी शिरकत की। 
    इस मौके़ पर गवर्नर आरिफ़ मुहम्मद ख़ान ने मीडीया से गुफ़्तगु करते हुए रज़ा लाइब्रेरी की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि रज़ा लाइब्रेरी पूरे मुल्क को रामपुर के शाही ख़ानदान का तोहफ़ा है। मीडिया नुमाइंदों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने वक़्फ़ क़ानून में बदलाव की वकालत की। उन्होंने कहा कि चंद दिनों के लिए वक़्फ़ महिकमा उनके पास था। इसलिए मैं समझता हूँ कि वहां जो कुछ होता है, उससे कोई इनकार नहीं कर सकता। वक़्फ़ मुआमले में जो नहीं होना चाहिए था, वो हुआ। क़ानून में तबदीली की ज़रूरत है। एक भी वक़्फ़ ऐसा नहीं, जिस पर कोई क़ानूनी केस ना चल रहा हो। 
    इसी के साथ केराला के गवर्नर ने कहा कि वक़्फ़ मुआमले पर उनका ज़्यादा मुताला नहीं है, यहां तक ये कि इस मुआमले में जो सियासत का दख़ल हुआ है, उसके बाद उनका इस ईशू पर कुछ बोलना मुनासिब नहीं है  रज़ा लाइब्रेरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये पूरे मुल्क के लिए एक मुनफ़रद और बेमिसाल तोहफ़ा है। लाइब्रेरी का मतलब है किताबें और किताबों से बेहतर कोई साथी या मददगार नहीं हो सकता।


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