रबि उल अल अव्वल 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
तुम में सबसे ज़्यादा अज़ीज़ मुझे वो शख्स है, जिसके आदात व अखलाक सबसे उमदा हो।
- बुखारी शरीफ
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✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया सुप्रीमकोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई बंद कर दी। जब ने अदालती कार्रवाई के दौरान किए गए अपने मुतनाज़ा (विवादित) तबसरों के लिए अवामी तौर पर माफ़ी मांग ली है। पाँच जजों की बेंच की कयादत कर रहे चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि ये फ़ैसला इन्साफ़ के मुफ़ाद और अदलिया के वक़ार को मद्द-ए-नज़र रखते हुए लिया गया है। हाईकोर्ट के जज ने बंग्लूरू के मुस्लिम अक्सरीयती इलाक़े को पाकिस्तान कहा था और मालिक मकान-किरायादार के बीच जारी तनाजा पर एक ख़ातून वकील के बारे में बदतमीज़ी पर मबनी तबसरा किया था। उनका तबसरा, जो सोशल मीडीया पर वाइरल हुआ, ने सुप्रीमकोर्ट को कर्नाटक हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब करने पर मजबूर किया, जो इस वाकिये के फ़ौरन बाद पेश की गई थी। चीफ़ जस्टिस ने कहा कि कोई भी हिन्दोस्तान के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकता। ये बुनियादी तौर पर क़ौम की ख़ुदमुख़तारी के ख़िलाफ़ है।
सुप्रीमकोर्ट ने इस मुआमले पर कर्नाटक हाईकोर्ट से मुतनाज़े तबसरा पर रिपोर्ट तलब की। बेंच ने 20 सितंबर को आईनी अदालत के जजों के लिए अदालत में अपने तबसरों के बारे में वाजेह रहनुमा उसूल क़ायम करने की ज़रूरत का इज़हार किया था। सीजेआई ने कहा, इस तरह के तबसरे ज़ाती ताअस्सुब की अक्कासी करते हैं, खासतौर पर जब उन्हें किसी ख़ास जिन्स या बिरादरी की तरफ़ मुतवज्जा किया जाता है। लिहाज़ा, किसी को ग़लत बयानात करने से गुरेज़ करना चाहिए। हमें उम्मीद और यक़ीन है कि तमाम स्टेक् होल्डरज़ को तफ़वीज़ करदा ज़िम्मेदारियाँ बग़ैर किसी तास्सुब और एहतियात के पूरी की जाएँगी। सुप्रीमकोर्ट की बेंच ने कहा कि जब सोशल मीडीया कमरा अदालत में होने वाली कार्रवाई की निगरानी में अहम किरदार अदा करता है तो इस बात को यक़ीनी बनाने की अशद ज़रूरत है कि अदालती रिमार्कस अदालतों से मुतवक़्क़े आदाब के मुताबिक़ हूँ।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जज ने बंग्लूरू के मुस्लिम अक्सरीयती इलाक़े को पाकिस्तान कहा था और दूसरी वीडीयो में वो एक ख़ातून वकील के ख़िलाफ़ क़ाबिल एतराज़ तबसरा करते हुए नज़र आए थे।
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