जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
दरूद तुम्हारे सब गमो के लिए काफी होगा और इससे तुम्हारे गुनाह बख्श दिए जाएंगे।
- तिर्मिज़ी
करग़ज़स्तान की इस्लामी यूनीवर्सिटी कैरेक्टर अबदुल शकूर ने मस्जिद नबवी ﷺ के इमाम शेख़ डाक्टर सालिह अलबदर को इस्लाम और मुस्लमानों के लिए उनकी ख़िदमात के एतराफ़ में डाक्टरेट की एज़ाज़ी डिग्री से नवाज़ा।
एसपीए के मुताबिक़ यूनीवर्सिटी के ज़ेर-ए-एहतिमाम एक तक़रीब में करग़ज़स्तान की इस्लामी यूनीवर्सिटी कैरेक्टर ने इस्लाम और मुस्लमानों की सपोर्ट पर सऊदी क़ियादत का शुक्रिया अदा किया। मस्जिद नबवी ﷺ के इमाम ने इस एज़ाज़ पर यूनीवर्सिटी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने इस्लामी स्कॉलरशिप और तालीम में इख़लास, दयानत और इत्तिहाद की एहमीयत पर ज़ोर दिया। इसके अलावा मस्जिद नबवी ﷺ के इमाम ने करग़ज़स्तान की मस्जिद में जुमा का ख़ुतबा भी दिया जिसमें हज़ारों अफ़रद ने शिरकत की।
करग़ज़स्तान के मुफ़्ती-ए-आज़म शेख़ अबदुल अज़ीज़ ज़ाकीरोफ़ ने मज़हबी उमूर के हेडक्वार्टर में मस्जिद नबवी ﷺ के इमाम डाक्टर सलाह बिन मुहम्मद अलबदेर से मुलाक़ात की। मुफ़्ती-ए-आज़म ने दुनिया भर में इस्लाम और मुस्लमानों की ख़िदमत के लिए की जाने वाली कोशिशों के साथ आज़मीन-ए-हज्ज व उमरा ज़ाइरीन के लिए सहूलतों की फ़राहमी पर सऊदी क़ियादत की तारीफ़ की। याद रहे कि मस्जिद नबवी ﷺ के इमाम करगजस्तान के सरकारी दौरे पर हैं जिसका एहतिमाम वज़ारत इस्लामी और दीगर सरकारी इदारों के साथ मिलकर किया है।
वज़ारत इस्लामी उमूर अइम्मा हरमैन के मुख़्तलिफ़ ममालिक के दौरे करवाती है, जिनका मक़सद हरमैन शरीफ़ैन के पैग़ाम को नुमायां करने के अलावा सऊदी अरब की ख़िदमात को उजागर करना है।
फालकन क्लब की नीलामी में सबसे महंगा बाज़ चार लाख रियाल में हुआ फ़रोख़त
सऊदी दार-उल-हकूमत रियाद के शुमाल में वाके मलहम में सऊदी फालकन क्लब ऑक्शन 2024 की छठी नीलामी में गुजिश्ता रोज चार बाज़ फ़रोख़त हुए। एसपीए के मुताबिक़ नीलामी में शाहीन फालकन चार लाख रियाल में फ़रोख़त हुआ जो अब तक का सबसे महंगा बाज़ है।
शाहीन फालकन की बोली 60 हज़ार रियाल से शुरू हुई। दूसरी बोली एक लाख रियाल तक पहुंच गई और चार लाख रियाल पहुंचकर ख़त्म हुई। छठी नीलामी में सबसे महंगे शाहीन फालकन समेत 7 लाख 94 हज़ार के बाज़ फ़रोख़त हुए। नीलामी का मक़सद सऊदी अरब में फालकन्ज़ की नीलामी को फ़रोग़ देना और उसे फ़ालकनरी के शौक़ीन अफ़राद के लिए एक आलमी मर्कज़ बनाना है।
ख़्याल रहे फालकन की नीलामी में मुक़ामी अफ़राद के अलावा बैरून-ए-मुल्क से ताल्लुक़ रखने वाले लोग भी शरीक होते हैं। फालकन फ़रोख़त करने के ख्वाहिशमंदों को क्लब की तरफ़ से तमाम सहूलतें फ़राहम की जाती हैं जबकि ख़रीदार को बाज़ की मिल्कियत का सर्टीफ़िकेट भी फ़राहम किया जाता है।
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