दुनिया के टाप टेन शहरों में शामिल होने जा रहा है रियाद : सऊदी वज़ीर

दुनिया के टाप टेन शहरों में शामिल होने जा रहा है रियाद : सऊदी वज़ीर

जमादी उल ऊला 1446 हिजरी 


फरमाने रसूल ﷺ 

दरूद तुम्हारे सब गमो के लिए काफी होगा और इससे तुम्हारे गुनाह बख्श दिए जाएंगे।
- तिर्मिज़ी 

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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी कन्वेंशंज एंड एग्जीबिशन जनरल अथार्टी के बोर्ड आफ़ डायरेक्टर्ज़ के चेयरमैन फ़हद बिन अबदुल मुहसिन अल रशीद ने कहा कि रियाद दुनिया के 10 बेहतरीन शहरों में शामिल होने की राह पर गामज़न है। 
    सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ उन्होंने ममलकत की तेज़-रफ़्तार तरक़्क़ी खुसूसन नान ऑयल सेक्टर में सात फ़ीसद इज़ाफे़ को उजागर करते हुए ममलकत में होने वाली एगज़ीबीशन और विजन 2030 के तबदीली के असरात पर रोशनी डाली। सऊदी अरब ने 2023 में 17 हज़ार से ज़ाइद ईवेंटस की मेज़बानी की और 2030 तक इस तादाद को बढ़ा कर 40 हज़ार तक बढ़ाने का मन्सूबा है। 
    फ़हद बिन अबदुल मुहसिन अल रशीद ने एक्सपो 2030 की एहमीयत पर भी ज़ोर दिया और उसे एक आलमी ईवेंट क़रार दिया। उन्होंने कहा कि ये ईवेंट अक़्वाम को मुत्तहिद करेगी और मुस्तक़बिल की उमंगों पर मबनी आगे की सोच की मिसाल पेश करेगी। उन्होंने मस्नूई ज़हानत को दार-उल-हकूमत के इर्तिक़ा के लिए अहम क़रार दिया। उन्होंने मज़ीद कहा कि फ्यूचर इनवेस्टमेंट इनीशिएटिव (एफ़आई) जैसे ईवेंट तकनीकी जिद्दत तराज़ी पर इन्हिसार करती हैं जो आलमी शहरों के मुस्तक़बिल की तशकील में तख़लीक़ी सोच और टेक्नोलोजी की एहमीयत को उजागर करती है।

सऊदी अरब टूरिज्म के खर्चों में आलमी सतह पर 15वें नंबर पर
दुनिया के टाप टेन शहरों में शामिल होने जा रहा है रियाद : सऊदी वज़ीर

    सऊदी अरब सयाहत (टूरिज्म) के हवाले से आलमी सतह पर उन 50 मुल्कों में 15वें नंबर पर पहुंच गया है जो सय्याहों की जानिब से किए जाने वाले अख़राजात में सबसे आगे हैं। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के आलमी सयाहती इदारे के मुताबिक़ सयाहती अख़राजात के हवाले से ममलकत ने मिसाली तरक़्क़ी की है, जिससे यहां आलमी सयाहत को भी फ़रोग़ मिला। अख़बार 24 के मुताबिक़ यूनाईटिड नेशन के वर्ल्ड टूरिज्म आर्गेनाईज़ेशन की रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी अरब में जनवरी से जुलाई तक बैन-उल-अक़वामी सय्याहों (टूरिस्ट) की तादाद में 73 फ़ीसद और सयाहती आमदनी में भी 207 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ जो जी 20 ममालिक की सतह पर सबसे ज़्यादा है। 
    गौरतलब है कि सऊदी अरब में आलमी सतह पर सयाहत के फ़रोग़ को ग़ैरमामूली तौर पर फ़रोग़ दिया जा रहा है। इस हवाले से मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर सय्याहों के लिए पुरकशिश पैकेजज़ मुतआरिफ़ कराए गए हैं जिनकी वजह से ग़ैरमुल्की सय्याह यहां की जानिब राग़िब हुए। कोरोना के बाद से बैन-उल-अक़वामी सय्याहों की तादाद में भी 96 फ़ीसद इज़ाफ़ा नोट किया गया। साल 2024 में जनवरी से जुलाई तक 790 मिलियन सय्याह ममलकत आए जो कि साल 2023 के मुक़ाबले 11 फ़ीसद ज़्यादा है। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सयाहती आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ मशरिक़-वुसता (मध्य पूर्व) सयाहत के हवाले से बेहतर रहा। रिकार्ड के मुताबिक़ साल 2019 के मुक़ाबले में ग़ैरमुल्की सय्याहों की तादाद में 26 फ़ीसद इज़ाफ़ा देखा गया।

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