जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
आसाम के वज़ीर-ए-आला हेमंता बिस्वा सरमा ने रियासत के करीमगंज ज़िला का नाम तबदील करने का ऐलान किया है। उन्होंने मंगल को बताया कि करीमगंज ज़िला अब श्री भूमी के नाम से जाना जाएगा। ये फ़ैसला मंगल को आसाम काबीना की मीटिंग में लिया गया।
आसाम के ज़िला करीमगंज की सरहद बंगला देश के साथ भी मिलती है। वजीरे आला सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट के ज़रीये इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कि 100 साल से ज़्यादा पहले, कवि गुरु रिवंद्र नाथ टैगोर ने आसाम के जदीद दौर के करीमगंज ज़िला को श्री भूमी, माँ लक्ष्मी की सरज़मीन के तौर पर बयान किया था। आज आसाम काबीना ने हमारे लोगों की देरीना मांग को पूरा कर दिया।
आसाम के ज़िला करीमगंज की सरहद बंगला देश के साथ भी मिलती है। वजीरे आला सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट के ज़रीये इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कि 100 साल से ज़्यादा पहले, कवि गुरु रिवंद्र नाथ टैगोर ने आसाम के जदीद दौर के करीमगंज ज़िला को श्री भूमी, माँ लक्ष्मी की सरज़मीन के तौर पर बयान किया था। आज आसाम काबीना ने हमारे लोगों की देरीना मांग को पूरा कर दिया।
उन्होंने करीमगंज ज़िला का नाम बदल कर श्री भूमी रखने की तजवीज़ के पीछे की मंशा की वज़ाहत करते हुए तारीख़ी और लिसानी मुताबिक़त की एहमीयत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हम उन जगहों के नाम बतदरीज तबदील कर रहे हैं, जिनका तारीख़ी ज़िक्र या लुग़त के मअनी नहीं हैं। काला पहाड़ के हालिया नाम तबदील करने का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि लफ़्ज़ कालापहार आसामी या बंगाली डिक्शनरी में नज़र नहीं आता और ना ही करीमगंज। जगहों के नामों का आम तौर पर लिसानी मफ़हूम (भाषाई अर्थ) होता है, और इस तरह के बहुत से नामों में पहले ही तरमीम की जा चुकी है, जिनमें बारपेटा के भसूनी चौक जैसे कई गांव के नाम भी शामिल हैं।
करीमगंज के नए नाम श्री भूमी के तारीख़ी ताल्लुक़ के बारे में बात करते हुए, मशहूर शायर रिवद्र नाथ टैगोर का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि टैगोर ने 1919 में सियाटिल के दौरे के दौरान इस इलाक़े को सुंदरी श्री भूमी कहा था। सियालट कभी आसाम का हिस्सा था। ये अब बंगला देश में है। उन्होंने कहा कि लफ़्ज़ श्री भूमी आसामी और बंगाली दोनों लुग़तों में एहमीयत रखता है और खित्ते के विरसे से मेल खाता है। इस दौरान उन्होंने ये इशारा भी दिया कि आने वाले वक़्त में वो आसाम के कई और अज़ला और मुक़ामात के नाम आसाम की सक़ाफ़्त के मुताबिक़ बदलने जा रहे हैं।
0 टिप्पणियाँ