﷽
रबि उल आखिर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
नबी करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया : अगर कोई शख्स मुसलमानों का हाकिम बनाया गया और उसने उनके मामले में खयानत की और उसी हालत में मर गया तो अल्लाह ताअला उस पर जन्नत हराम कर देता है।
- मिश्कवत
कहा, भाजपा की फ़िर्कावाराना सोच ने मुस्लमानों को अछूत बना दिया है
✅ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
कुल हिंद मजलिस इत्तिहाद अल मुस्लिमीन के सरबराह असद उद्दीन उवैसी ने मुस्लमानों के मसाइल को लेकर वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को एक बार फिर निशाना बनाया है। इतवार, 20 अक्तूबर को सोशल मीडीया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट के ज़रीये उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि हिन्दोस्तान में मुस्लमानों को अछूत बना दिया गया है। असद उद्दीन उवैसी ने माईक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म पर एक पोस्ट में ये भी दावा किया कि उत्तराखंड के चमोली में 15 मुस्लिम ख़ानदानों का बड़े पैमाने पर समाजी बाईकॉट किया जा रहा है। चमोली के ताजिरों (व्यापारियों) ने धमकी दी है कि मुस्लमानों को 31 दिसंबर तक चमोली छोड़ना पड़ेगा। अगर मकान मालिक मुस्लमानों को मकानात देते हैं तो उन्हें 10 हज़ार रुपय जुर्माना अदा करना होगा। हैदराबाद के रुक्न पार्लीमैंट असद उद्दीन उवैसी ने कहा कि ये वही उत्तराखंड है, जहां हुकूमत यकसाँ सिवल कोड (यूसीसी) नाफ़िज़ कर रही है। क्या चमोली के मुस्लमानों को बराबरी के साथ जीने का भी हक़ नहीं है, अगर वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी अरब शेखों को गले लगा सकते हैं तो वो चमोली के मुस्लमानों को भी गले लगा सकते हैं।
वाज़िह हो कि उत्तराखंड के चमोली में वाके ख़ानसर क़स्बे में ताजिरों की एक तंज़ीम ने एक नाम निहाद मुस्लमानों के बाएकाट पर मबनी क़रारदाद (प्रस्ताव) तशकील दी है जिसमें कहा गया है कि इस इलाक़े में रहने वाले 15 मुस्लिम ख़ानदानों को 31 दिसंबर तक इस इलाक़े को छोड़ना होगा, बसूरत-ए-दीगर उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। ख़्याल रहे कि ये मुस्लिम ख़ानदान कई दहाईयों से यहां रह रहे हैं। इस इलाक़े को चमोली के नाम से जाना जाता है, जो उत्तराखंड के दार-उल-हकूमत से 260 किलोमीटर दूर है।
0 टिप्पणियाँ