मक्का : गन प्वायंट पर दो दुकानों में लूटमार, एक गिरफ़्तार, ग़ैर शादीशुदा की बढ़ रही तादाद

 

रबि उल आखिर 1446 हिजरी 

फरमाने रसूल ﷺ

वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।

- बुख़ारी शरीफ 

मक्का : गन प्वायंट पर दो दुकानों में लूटमार, एक गिरफ़्तार, ग़ैर शादीशुदा की बढ़ रही तादाद

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी अरब में मक्का रीजन की पुलिस ने असलह (हथियार) के ज़ोर पर दो दुकानों में लूटमार में मुलव्वस (शामिल) एक शहरी को गिरफ़्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ महिकमा अमन आम्मा के बयान में कहा गया कि मुल्ज़िम को इबतिदाई क़ानूनी कार्रवाई के बाद पब्लिक प्रासीक्यूशन के हवाले कर दिया गया। 
    इसके अलावा नजरान के इलाक़े शिरोरुह में पुलिस ने एक शख़्स को अवामी मुक़ाम पर असलेह की नुमाइश के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया है। सोशल मीडीया पर एक विडियो वाइरल हो रही थी जिसमें अवामी मुक़ाम पर एक शख़्स को असलाह लेकर घूमते हुए देखा जा सकता है। बयान में कहा गया कि 'मुल्ज़िम को इबतिदाई कानूनी कार्रवाई के बाद मज़ीद तफ़तीश के लिए पब्लिक प्रासीक्यूशन की तहवील में दिया गया है।

सऊदी अरब में ग़ैर शादीशुदा लड़के-लड़कियो की बढ़ रही तादाद 

रियाद :  सऊदी जनरल अथार्टी बराए शुमारियात की रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी अरब में 15 से 34 साल की उम्र के ग़ैर शादीशुदा मर्द-ओ-ख़वातीन की शरह (दर) 66.23 फ़ीसद है। मर्दों में से 75.6 फ़ीसद ने इस उम्र में अब तक शादी नहीं की जबकि 25 से 34 साल की उम्र के ग्रुप में ग़ैर शादीशुदा ख़वातीन की शरह 43.1 फ़ीसद है। 
    सबक़ वेब के मुताबिक़ समाजी कंसलटेंट डाक्टर आदिल अलग़ामदी ने इसकी सबसे बड़ी वजह शादी के अख़राजात में इज़ाफ़ा और जहेज़ को क़रार दिया है। उनका कहना है कि नौजवानों में शादी से हिचकिचाहट भी एक वजह है। इसके अलावा मआशी तौर पर मज़बूत ना होना भी बड़ी वजह है और यही समाजी और नफ़सियाती वजह बनती है। 
    मुल्क में शादी पर ज़्यादा अख़राजात के हवाले से जाज़ान रीजन के अब्बू अरीश में मैरिज फ़ैसीलिटेशन फोरम का इनइक़ाद किया जा रहा है जहां जहेज़ और मलबूसात में कमी, शादी की तक़रीबात को एक दिन तक महदूद करना और अख़राजात में कमी लाना शामिल है। इस फ़ोर्म का मक़सद ये है कि वालदैन और ख़ानदान अपने बच्चों की शादी कामयाब बनाने में किरदार अदा करें और शादी के अख़राजात को कम करने की कोशिश करें। 
    इसके अलावा शादी हाल मालिकान के तआवुन, आगाही और ऐसे इक़दामात की ज़रूरत है, जिससे नौजवानों की मदद हो। इसी तरह सरकारी इदारे, यूनीवर्सिटीयां और सिसिल सोसाइटी की तंज़ीमें मुआशरे में अपना किरदार अदा करें।


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