जौनपूर : अटाला मस्जिद या अटला देवी मंदिर, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

 जमादी उल आखिर १४४६ हिजरी

फरमाने रसूल  

अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
 
जौनपूर : अटाला मस्जिद या अटला देवी मंदिर, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
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✅ इलाहाबाद : आईएनएस, इंडिया 

जौनपूर की तारीख़ी अटाला मस्जिद को मुतनाज़े (विवादित) बनाने की कोशिश इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। मस्जिद इंतिज़ामीया ने ज़िलई अदालत के फ़ैसले को चैलेंज किया है, जिसमें दावा किया गया था कि मौजूदा मस्जिद की जगह पहले नाम निहाद तौर पर ''अटला देवी' मंदिर था। 
    ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहाद अल मुस्लिमीन के सरबराह असद उद्दीन उवैसी ने इस तनाज़ा पर सख़्त रद्द-ए-अमल दिया है। ये तनाज़ा उस वक़्त शिद्दत इख़तियार कर गया, जब रवां साल स्वराज वाहिनी एसोसीएशन ने जौनपूर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुक़द्दमा दायर करते हुए दावा किया कि मस्जिद की जगह पहले एक मंदिर था। 
    हालांकि मस्जिद के वक़्फ़ की तरफ़ से दायर दरख़ास्त में मौक़िफ़ इख़तियार किया गया कि मुद्दई को मुक़द्दमा दायर करने का कोई हक़ नहीं। ये हमेशा से मस्जिद के तौर पर इस्तिमाल होती आई है और कभी किसी दूसरे मज़हब के क़बज़े में नहीं रही। वक़्फ़ की दरख़ास्त में मज़ीद कहा गया कि अटाला मस्जिद का क़ियाम १३९८ में हुआ था जिसके बाद से मुस्लमान यहां नमाज़-ए-जुमा समेत बाक़ायदा नमाज़ अदा करते आए हैं। 
    उसी बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तिहाद अल मुस्लिमीन के सरबराह असद उद्दीन उवैसी ने इस तनाज़ा पर सख़्त रद्द-ए-अमल देते हुए कहा कि हिन्दोस्तान के लोगों को ऐसे तारीख़ी झगड़ों में उलझाया जा रहा है, जहां उनका कोई वजूद ही नहीं था। उवैसी ने मज़ीद कहा कि कोई भी मुल्क महाशक्ति नहीं बन सकता अगर उसीकी १४ फ़ीसद आबादी ऐसे दबाव का सामना करती रहे। उन्होंने हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया कि वो इन तनाज़आत के पीछे कारफ़रमा है। उन्होंने इबादत-गाह एक्ट की हिफ़ाज़त किए जाने का मुतालबा किया। 

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