जमादी उल आखिर १४४६ हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।- कंजुल इमान
✅ आयोध्या : आईएनएस, इंडिया
बाबरी मस्जिद के यौम शहादत के मौक़ा पर नृपेंद्र मिश्रा ने ऐलान किया कि राम मंदिर की चोटी सोने से मुज़य्यन होगी। राम मंदिर की तामीर कमेटी के सरबराह नृपेंद्र मिश्रा ने ऐलान किया कि राम मंदिर की चोटी सोने से मुज़य्यन होगी और ये क़दम मंदिर की रुहानी और सक़ाफ़्ती एहमीयत को मज़ीद बढ़ाने के लिए उठाया गया है।उन्होंने बताया कि मंदिर की तामीर के दौरान बालाई हिस्सा को सोने से तैयार किया जाएगा, जो इस मुक़ाम की तक़दीस और इसकी रूहानियत को ज़ाहिर करने का एक अहम ज़रीया बनेगा नृपेंद्र मिश्रा का कहना था कि इस फ़ैसले का मक़सद राम मंदिर की अज़मत और एहमीयत को दुनिया-भर में नुमायां करना है।
ख़्याल रहे कि ६ दिसंबर को बाबरी मस्जिद के इन्हिदाम को ३२ साल मुकम्मल हो गए हैं। १९९२ में इस मुक़ाम पर बाबरी मस्जिद को मुनहदिम किया गया था, जिसके बाद मुल्क भर में मज़हबी और सियासी तनाव पैदा हुआ था। इस वाकिये ने हिन्दोस्तान की तारीख़ में एक संगीन मोड़ पैदा किया और इसके नतीजे में कई सालों तक इस मुक़ाम के हवाले से तनाज़आत और अदालती मुक़द्दमात चलते रहे। २०१९ में सुप्रीमकोर्ट के फ़ैसले के बाद इस तनाज़े का इख़तताम हुआ, जिसमें अदालत ने बाबरी मस्जिद के इन्हिदाम की जगह पर राम मंदिर की तामीर का हुक्म दिया था।
फ़ैसले के बाद राम मंदिर की तामीर का अमल शुरू हुआ और अब ये तक़रीबन मुकम्मल हो चुका है।
जुमा की नमाज़ के दौरान अलर्ट मोड पर रहे २६ जिले
लखनऊ : यूपी पुलिस ने बाबरी मस्जिद के इन्हिदाम की बरसी के मौक़ा पर सिक्योरिटी को मज़ीद सख़्त कर दिया। नमाज़-ए-जुमा के दौरान खासतौर पर हस्सास (संवेदनशील) इलाक़ों में अलर्ट जारी किया गया था। २६ अज़ला में पुलिस फ़ोर्स की तयनाती की गई थी। ताकि किसी भी मुम्किना इश्तिआल या बदअमनी से बचा जा सके। आयोध्या में खासतौर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी, जहां पुलिस और दीगर फ़ोर्सिज़ ने मुख़्तलिफ़ सेक्टरों में टीमें तशकील दी। इसके इलावा सीसीटीवी कैमरे नसब किए और शिनाख़ती कार्ड की जांच भी की गई। इंतिज़ामीया ने अवाम से दरख़ास्त की कि वो अफ़्वाहें फैलाने से गुरेज़ करें, ताकि हालात मज़ीद कशीदा ना हों।पुलिस आफ़िसरान ने जुमा के दिन खासतौर पर हस्सास इलाक़ों में निगरानी बढ़ाई और २६ अज़ला में पुलिस की निगरानी को यक़ीनी बनाया। अवामी मुक़ामात और इबादत-गाहों के इर्द-गिर्द इज़ाफ़ी नफ़री भी तायिनात की गई ताकि किसी भी मुम्किना तशवीश को दूर किया जा सके। वहीं सँभल में भी जुमा के पेश-ए-नज़र सख़्त हिफ़ाज़ती इंतिज़ामात किए गए, जहां की जामा मस्जिद पर तनाज़ा खड़ा किए जाने के बाद तशद्दुद हुआ और ४ अफ़राद की जान चली गई थी।
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