अटाला मस्जिद : सख्त सिक्योरिटी में अदा हुई नमाज-ए-जुमा, सुनवाई अगले हफते

जमादी उल आखिर १४४६ हिजरी

फरमाने रसूल ﷺ 

अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
 
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✅इलाहाबाद : आईएनएस, इंडिया 

उत्तर प्रदेश के जौनपूर की अटाला मस्जिद तनाज़ा से मुताल्लिक़ मुआमले की इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीर के रोज होने वाली सुनवाई नहीं हो सकी। अब ये सुनवाई अब १६ दिसंबर को हो सकती है। 
मुआमले की समाअत जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में होनी थी जो पीर को नहीं बैठी जिसकी वजह से अब ये मामला जस्टिस सलिल कुमार राय की अदालत में ट्रांसफ़र किया गया है, जहां इसकी समाअत १६ दिसंबर को होगी जिसमें मस्जिद की जगह मंदिर का दावा करने वाले स्वराज वाहिनी तंज़ीम को अपना जवाब दाख़िल करना। हिंदू फ़रीक़ का जवाब तैयार हो चुका है। अर्ज़ी अटाला मस्जिद की वक़्फ़ कमेटी की तरफ़ से दाख़िल की गई है जिसमें जौनपूर के ज़िला जज की तरफ़ से नज़रसानी दरख़ास्त पर दिए गए हुक्म को चैलेंज किया गया है। 
    ज़िला जज ने इस साल १२ अगस्त को जौनपूर की ज़िला अदालत में दायर केस की बरक़रारी को मंज़ूर करते हुए एक हुक्म-जारी किया था। इससे पहले जौनपूर ज़िला कोर्ट के सिविल जज ने २९ मई को मुक़द्दमे को अपने यहां रजिस्टर्ड कर समाअत शुरू किए जाने का हुक्म दिया था। मुस्लिम फ़रीक़ की तरफ़ से दाख़िल अर्ज़ी में उन्हें दोनों अहकामात को चैलेंज दिया गया है। 
    स्वराज वाहिनी एसोसीएशन के रियास्ती सदर संतोष कुमार मिश्रा ने जौनपूर ज़िला कोर्ट में मुक़द्दमा दाख़िल कर ये दावा किया था कि मुबय्यना तौर पर जौनपूर की अटाला मस्जिद की जगह मस्जिद है, वहां पहले अटाला देवी का मंदिर था। दावा किया जा रहा है कि इस मंदिर की तामीर १३वीं सदी में राजा विजय चन्द्र ने कराई थी। फ़िरोज़ शाह तुग़ल्लुक़ ने जौनपूर पर क़बज़ा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में तबदील कर दिया था। 
    अर्ज़ी में अटाला मस्जिद को अटाला देवी का मंदिर बताते हुए पूजा अर्चना की इजाज़त दिए जाने का मुतालिबा किया गया है।

सख्त सिक्योरिटी में अदा हुई दूसरे जुमा की नमाज़ 

संभल : ६ दिसंबर को जुमा की नमाज़ के दौरान सख़्त चौकसी के बीच मुसलमानों ने नमाज-ए-जुमा अदा की। पूरे इलाके की ३० मजिस्ट्रेट के साथ ड्रोन कैमरों के ज़रीये निगरानी की गई। इस मौक़ा पर रुक्न असेंबली के वालिद ने कहा कि बाबरी मस्जिद को गै़रक़ानूनी तौर पर शहीद किया गया और मैं चाहता हूँ कि अब किसी मस्जिद के साथ ऐसा ना हो। 
    संभल में जारी अलर्ट को देखते हुए उलमाए किराम ने अवाम से आस-पास की मसाजिद में नमाज़ अदा करने की अपील की थी। शाही जामा मस्जिद कमेटी ने रज़ाकारों को तयनात कर नमाज़ियों को मदद फ़राहम की। 

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