रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
लोगों को अपने शर से महफूज़ कर दो, उन्हें तकलीफ ना पहुंचाओ के ये भी एक सदका है, जिसे आप खुद अपने आप पर करोगे।
-सहीह बुखारी
✅ कराची : आईएनएस, इंडिया
ग़ज़ा में जंग बंदी के ऐलान के बाद हफ़्ते के रोज़ एक पाकिस्तानी इमदादी तंज़ीम अल खिदमत फ़ाउंडेशन ने अगले 15 माह के दौरान 15 अरब रुपय (54 मिलियन डालर) की लागत से ग़ज़ा की तामीर-ए-नौ का ऐलान किया।इतवार को शुरू होने वाली जंग बंदी क़तर, मिस्र और अमरीका के दरमयान वसीअ मुज़ाकरात (चर्चा) के बाद अमल में आई है। इससे अक्तूबर 2023 में शुरू होने वाले तनाज़े का ख़ातमा होगा जिसमें 46,000 फ़लस्तीनी हलाक हो चुके हैं और ग़ज़ा का बुनियादी ढांचा तबाह हो गया है। अल खिदमत फ़ाउंडेशन पाकिस्तान जो पहले ग़ज़ा में 5.5 बिलीयन रुपय (20 मिलियन डालर) की इमदादी सरगर्मीयां अंजाम दे चुकी है, ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस इक़दाम का ऐलान किया। एक साल से ज़्यादा अर्से में तंज़ीम की इमदादी रक़म 20 बिलीयन रुपय (72 मिलियन) तक बढ़ जाएगी।
फ़ाउंडेशन के सदर डाक्टर हफ़ीज़ अल रहमान ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के अवाम बोहरान (संकट) के वक़्त ग़ज़ा में अपने भाईयों और बहनों के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वो एक बार फिर इस नेक मक़सद में दिल-ओ-जान से शरीक होंगे। ग़ज़ा की ताअमीर-ए-नौ (नव निर्माण) के मंसूबे में आरिज़ी (अस्थाई) पनाह गाहों और ज़रूरी सामान मसलन ख़ुराक और अदवियात, मोबाइल हेल्थ यूनिट्स और एम्बूलेंस की फ़राहमी शामिल है। इसका मक़सद पाँच तबाह स्कूलों की तामीर-ए-नौ, एक हस्पताल की बहाली, 25 मसाजिद की ताअमीर-ए-नौ और 100 से ज़्यादा साफ़ पानी के मंसूबे शुरू करना है। रिहायश फ़राहम करने के लिए एक रिहायशी टावर तामीर किया जाएगा और 3000 यतीम बच्चों को तवील मुद्दती कफ़ालत मिलेगी।
डाक्टर हफ़ीज़ अल रहमान ने कहा, फ़ाउंडेशन अपनी शराकतदार तन्ज़ीमों के साथ मिलकर इमदाद की फ़राहमी और ग़ज़ा में मुतासिरा अफ़राद की बहाली को यक़ीनी बनाने के अज़म पर क़ायम है।
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