शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"ऐसे शख्स की बददुआ से बचो जिस पर ज़ुल्म किया गया हो, इसलिए कि उसकी बददुआ और अल्लाह के दरमियान कोई आड़ नही होती।"
- तिर्मिज़ी
इस्लाम से तर्क-ए-ताअल्लुक कर हिंदू मजहब अख्तियार करने वाले मुस्लिम रहनुमा वसीम रिज़वी, जिसने अपना नाम ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया था, ने एक बार फिर मुस्लमानों को ''घर वापसी' को अपनाने की तलक़ीन करके सुर्खियों में जगह बनाई है। जितेंद्र नारायण सिंह (साबिका नाम वसीम रिज़वी) ने गुजिश्ता दिनों महाकुंभ में स्नान किया, और सनातन धर्म में घर वापसी के ख्वाहिशमंदों के लिए माली इमदाद का ऐलान किया।
वसीम उर्फ ठाकुर नारायण सिंह सेंगर ने महाकुंभ की रसूमात में शिरकत के बाद अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हुए हिन्दोस्तान के मुस्लमानों पर ज़ोर दिया कि वो सनातन धर्म की तरफ़ लौट आएं। वसीम ने एक पोस्ट में कहा कि सनातन धर्म में लौट आने वालों को मैं कारोबार में मदद करने का वाअदा करता हूँ। वसीम ने आगे कहा कि महाकुंभ 2025 के मौक़ा पर प्रयाग राज की धरती से ये मेरी क़रारदाद है। ''घर वापसी' को आसान बनाने के लिए जितेंद्र सिंह ने कहा कि वो और उनके साथी माली मदद फ़राहम करने के लिए एक तंज़ीम बना रहे हैं। जितेंद्र सिंह ने मज़ीद कहा कि जो मुस्लिम फ़ैमिली हिंदू मज़हब में वापस आने का इंतिख़ाब करते हैं, उन्हें माली तौर पर मुस्तहकम होने तक हर माह 3000 रुपय दिए जाएंगे।
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इसके अलावा तंज़ीम उनकी रोज़ी-रोटी के लिए छोटे कारोबार क़ायम करने में मदद करेगी। जितेंद्र सिंह ने मुस्लमानों को मुबय्यना इंतिहापसंद नज़रियात से दूर रहने और नाम जिहादी अज़ाइम से दूर रहने की तरग़ीब दी। उसने दावा किया कि ''घर वापसी' अमन और सलामती की तरफ़ एक क़दम है।
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि इसके अलावा तंज़ीम उनकी रोज़ी-रोटी के लिए छोटे कारोबार क़ायम करने में मदद करेगी। जितेंद्र सिंह ने मुस्लमानों को मुबय्यना इंतिहापसंद नज़रियात से दूर रहने और नाम जिहादी अज़ाइम से दूर रहने की तरग़ीब दी। उसने दावा किया कि ''घर वापसी' अमन और सलामती की तरफ़ एक क़दम है।
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