शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"रसुल अल्लाह ﷺ ने एक शख्स को सूरह अखलास पढ़ते हुए सुना तो फरमाया, इसके लिए जन्नत वाजिब हो गई।"
- जमाह तिर्मिज़ी
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब ने इस बार हज के हवाले से बड़ा फ़ैसला किया है। सऊदी अरब के नए फ़ैसले के मुताबिक़ अब हज में बच्चों के दाख़िले पर पाबंदी लगा दी गई है। सऊदी अरब की वज़ारत हज-ओ-उमरा ने कहा है कि ये फ़ैसला हर साल हज के दौरान बढ़ते हुजूम की वजह से किया गया है। बच्चों की हिफ़ाज़त के पेश-ए-नज़र उन्हें हज करने से रोक दिया गया है।
सऊदी अरब की वज़ारत हज-ओ-उमरा का कहना है कि 2025 में पहली बार हज पर आने वालों को तर्जीह दी जाएगी। बच्चों पर पाबंदी भी इसी वजह से लगाई गई है ताकि वो हुजूम की वजह से होने वाली परेशानीयों से बच सकें। सऊदी शहरी और रिहायशी नसक एप के ज़रीये या आफिशियल ऑनलाइन पोर्टल के ज़रीये रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, दरख़ास्त दहिंदगान को अपनी तफ़सीलात की तसदीक़ करनी होगी और उनके साथ सफ़र करने वालों को भी रजिस्ट्रेशन करना होगा।
सऊदी अरब के नए वीज़ा क़वानीन से मुतास्सिर होने वाले ममालिक में अल-जज़ाइर, बंगला देश, मिस्र, एथोपीया, भारत, इंडोनेशिया, इराक़, अरदन, मराक़श, नाईजीरिया, पाकिस्तान, सूडान, ट्यूनीशिया और यमन शामिल हैं।
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सऊदी अरब की हुकूमत ने इन ममालिक के साथ सयाहत, कारोबारी और ख़ानदानी दौरों के लिए एक साल के मल्टीपल ऐन्ट्री वीज़ा को ग़ैर मुअय्यना मुद्दत के लिए मुअत्तल कर दिया है। नए क़वानीन के तहत, इन ममालिक के लोग सिर्फ सिंगल ऐन्ट्री वीज़ा के लिए दरख़ास्त दे सकते हैं, जो 30 दिन के लिए कारा॓मद होंगे। सऊदी अरब हज और उमरा के हवाले से अपने क़वानीन में तबदीलीयां करता रहता है।
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2024 में सऊदी अरब ने लोगों को मश्वरा दिया कि वो उमरा के दौरान अज़ीमुश्शान मस्जिद के क़रीब जमा होने वाले हुजूम की वजह से फोटोग्राफी से गुरेज़ करें। वज़ारत ने इजाज़त के बग़ैर तसावीर लेने से गुरेज़ करने और अज़ीमुश्शान मस्जिद के क़रीब तवील अर्से तक फोटोग्राफी से गुरेज़ करने को कहा था।
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