शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"अल्लाह ताअला फरमाता है: मेरा बंदा फर्ज़ नमाज़ अदा करने के बाद नफिल इबादत करके मुझसे इतना नज़दीक हो जाता के मैं उससे मोहब्बत करने लग जाता हूँ।"
- सहीह बुख़ारी
शुमाली सेना के गवर्नर मेजर जनरल ख़ालिद मुजाविर ने कहा कि जंग बंदी के आग़ाज़ से अब तक गजा में दाखिल होने वाले इमदादी ट्रकों की तादाद 3300 से तजावुज कर गई है। इसमें मिस्त्र का हिस्सा 80 फ़ीसद है।
उन्होंने मज़ीद कहा कि रफा के रास्ते दाख़िल होने वाले ट्रकों की तादाद3300 से तजावुज़ कर गई है जिसमें 430 इन्सानी इमदादी ट्रक शामिल हैं। 238 ईंधन और खाना पकाने वाली गैस के ट्रक इसके अलावा हैं। उन्होंने कहा कि फ़िज़ाई और समुंद्री रास्ते से भेजी जाने वाली इमदाद 22 बहरी जहाज़ों और 3000 से ज़ाइद तय्यारों के ज़रीये उलारयश के हवाई अड्डे और बंदरगाह पर पहुंची है।
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उन्होंने कहा कि रियास्ती सतह पर एक क्राइसिस रुम है, जिसमें तमाम मुताल्लिक़ा शोबों, वज़ारतों और एजेंसियों के नुमाइंदे शामिल हैं। ये पहले से तय-शुदा मुआहिदे के तहत काम कर रहे हैं। इमदाद के दाख़िले और जख्मियों को वसूल करने के तरीका-ए-कार के साथ साथ सियासी और इन्सानी हालात को मद्द-ए-नज़र रखते हुए इस बात को यक़ीनी बनाया जाता है कि इमदाद बेहतरीन तरीक़े से फ़राहम की जाए। मेजर जनरल ख़ालिद मुजाविर ने बहरी जहाज़ पर तुरकिया की जानिब से 10 हज़ार ख़ेमों की आमद का इन्किशाफ़ किया। इसमें इमदादी सामान, खे़मे और पनाह गाहों के सामान समेत 5800 टन इमदादी सामान भी शामिल था।
गवर्नर ने तसदीक़ की कि अब तक 800 जख्मियों का ईलाज मुकम्मल हो चुका है। 690 के क़रीब ज़ख़मी फंसे हुए हैं, जो राहदारी के खुलते ही सामने आएंगे। शुमाली सीना-ए-के गवर्नर ने इशारा किया कि मिस्री हिलाल अह्मर ने अपने रज़ाकारों (वालिंटियर) की तादाद को 1,200 से बढ़ा कर 1,500 कर दिया है। उन्होंने मज़ीद कहा कि ये रज़ाकार 3 माह तक जारी रहने वाली सख़्त तर्बीयत से गुज़रते हैं।
3.76 लाख फ़लस्तीनी ग़ज़ा की पट्टी में वापिस आ चुके : अक़वाम-ए-मुत्तहिदा
जिनेवा : इन्सानी उमूर से मुताल्लिक़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के दफ़्तर का कहना है कि पीर की सुबह से लेकर मंगल की दोपहर तक 3.76 लाख से ज़्यादा फ़लस्तीनी ग़ज़ा पट्टी के शुमाल में वापिस आ चुके हैं। दफ़्तर ने वाजेह किया कि इन बे-घर अफ़राद में पच्चास फ़ीसद मर्द हैं जबकि पच्चीस फ़ीसद ख़वातीन और पच्चीस फ़ीसद बच्चे हैं।
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दफ़्तर के मुताबिक़ ग़ज़ा पट्टी के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में गिनती के लिए मुक़ामात मुक़र्रर किए गए हैं। इन्सानी उमूर के दफ़्तर का कहना है कि पैदल वापसी के ज़रीये इस मुश्किल मरहले को तै करने वालों में हामिला और दूध पिलाने वाली ख़वातीन, उम्र रसीदा, माज़ूर, देरीना अमराज़ में मुबतला और फ़ौजी तिब्बी निगहदाशत के ज़रूरतमंद अफ़राद शामिल हैं। उनके अलावा घर वालों के बग़ैर कमउमर बच्चे भी इस हुजूम के कमज़ोर तरीन तबक़े में से हैं।
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इससे क़बल हम्मास तंज़ीम ने बताया था कि 3 लाख बे-घर फ़लस्तीनी पीर के रोज़ ग़ज़ा की पट्टी के शुमाल में वापिस आए। पीर की सुबह लाखों फ़लस्तीनीयों ने ग़ज़ा की पट्टी के जुनूबी और वसती हिस्से से ग़ज़ा शहर और शुमाली इलाक़ों का रुख किया। उनमें पैदल चलने वाले अफ़राद ने साहिली सड़क शारा अलरशीद जबकि सवारियों में मौजूद अफ़राद ने शारा सलाह उद्दीन के रास्ते सफ़र किया। सवारियों को तलाशी के बाद आगे जाने दिया गया।
ग़ज़ा फ़ायर बंदी मुआहिदे के मुताबिक़ समझौते के दूसरे मरहले के हवाले से बिलवासता मुज़ाकरात फ़ायर बंदी के 16 वें रोज़ शुरू होंगे। हम्मास और इसराईल के दरमयान ग़ज़ा फ़ायर बिंदी और कैदियों के तबादले का मुआहिदा मिस्र, क़तर और अमरीका की वसात से रवां माह 19 जनवरी को नाफ़िज़ उल-अमल हुआ था। मुआहिदे के तहत अब तक 7 इसराईली ख़वातीन कैदियों और उनके मुक़ाबिल 290 फ़लस्तीनी असीरों को आज़ाद किया जा चुका है। मुआहिदा 3 मराहिल पर मुश्तमिल है और हर मरहला 42 रोज़ का होगा। इस दौरान दूसरे और तीसरे मरहले के आग़ाज़ के लिए मुज़ाकरात होंगे, यहां तक कि जंग के ख़ातमे तक पहुंचा जा सके।
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