बर्तानिया में मुस्लमानों और यहूदियों के 11 फ़िर्क़ों के रहनुमाओं में तारीख़ी सुलह

 शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी 


----  फरमाने रसूल ﷺ  ----

जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।

- तिर्मिज़ी 

बर्तानिया में मुस्लमानों और यहूदियों के 11 फ़िर्क़ों के रहनुमाओं में तारीख़ी सुलह

✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया 

बर्तानिया में इस्लाम और यहूदियत के 11 मज़हबी फ़िर्क़ों के रहनुमाओं के दरमयान 'तारीख़ी मुसालहत' के समझौते पर दस्तख़त कर दिए गए। मज़कूरा रहनुमाओं ने गुजिश्ता मंगल की दोपहर बकिंघम पैलेस में मुआहिदे की एक नक़ल बर्तानवी बादशाह चार्ल्स सोम को पेश की। ये मुआहिदा गुजिशता माह 14 से 16 जनवरी तक स्काटलैंड की काउंटी में होने वाले खुफिया इजलास का नतीजा है। 
    शाह चार्ल्स का कहना था कि मैं इस शानदार पेश-रफ़्त का सुनकर बहुत मसरूर हूँ, मैं कम अज़ कम इतना कर सकता हूँ कि इन लोगों की मेज़बानी अंजाम दूं। इस मौके पर यहूदी हाख़ाम ने बर्तानवी बादशाह को आगाह किया कि मौजूदा माहौल में इन दो मज़ाहिब की क़ियादत के इतने वसीअ मजमुए को इकट्ठा करना हरगिज़ आसान बात ना थी। बातचीत और मुज़ाकरात के नतीजे में तै पाने वाले समझौते को The Drumlanrig Accord नाम दिया गया है। 
    दोनों मज़ाहिब के मुशतर्का रुहानी विरसे की बुनियाद पर दस्तख़त किए जानेवाले समझौते में बर्तानिया के मुस्लमानों और यहूदीयों के बीच शिरकत का नया दायराकार वज़ा किया गया है। इस हवाले से बर्तानवी अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बात की उम्मीद है कि मुल्क में यहूद और इस्लाम मुख़ालिफ़ तमाम वाक़ियात की निगरानी के लिए एक मुशतर्का कमेटी तशकील दी जाएगी और इसी तरह दोनों मज़ाहिब के रहनुमाओं की मुलाक़ात और बातचीत के लिए महफ़ूज़ मुक़ामात तैयार किए जाएंगे। इस मंसूबे की क़ियादत मुस्लमानों की तरफ़ से स्काटलैंड में जमईयत अहल-ए-बैत के मर्कज़ी इमाम सय्यद रिज़वी ने की। ये एक शीया अंजुमन है, जिसका सदर दफ़्तर एडिनबरा में है। ये अंजुमन एक साल से दोनों मज़ाहिब के रहनुमाओं को इशाईए और मुलाक़ात के लिए जमा करने पर काम कर रही थी। 
    इसी तरह यहूदीयों की जानिब से क़ाइदाना ज़िम्मेदारी  Ephraim Mirvis ने अंजाम दी जो दौलत-ए-मुश्तरका में मुत्तहदा इब्रानी जमातों के मर्कज़ी हाख़ाम हैं। ये मुसालहत इस एतबार से भी अहम साबित हुई कि ममलकत मुत्तहदा में छः मर्कज़ी इस्लामी फ़िर्क़ों के रहनुमा पहली बार एक साथ काम करने के लिए इकट्ठा हुए। उनमें सुन्नियों की तरफ़ से बरेलवी, देवबंदी और शाफ़ई मकतबा फ़िक्र जबकि शीयों की तरफ़ से अस्ना अशरी, इस़्माईली और बहरा फ़िरक़े शामिल थे। 
    मुआहिदे में शरीक पाँच यहूदी फ़िर्क़ों में लिबरल, आर्थोडोक्स, प्रोग्रेसेव, मसोर्टी और सेफ़ार्डी शामिल हैं। उनके अलावा तक़रीब में बर्तानवी सरकारी अहलकार और स्काटलैंड के एक वज़ीर के अलावा दीगर शख़्सियात भी मौजूद थीं।


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