मुख्तलिफ मुल्कों में सहर-ओ-इफ्तार का दिलकश मंजर

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रमदान अल मुबारक, 1446 हिजरी 


   फरमाने रसूल ﷺ   

जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।

- तिर्मिज़ी 

मुख्तलिफ मुल्कों में सहर-ओ-इफ्तार का दिलकश मंजर

  • 1 सूडान की मशहूर और तारीख़ी मस्जिद अलसीद अल हसन में इफ़तार के वक़्त का मंज़र
  • 2 मियांमार के शहर रंगून में मुस्लमान इफ़तार के लिए जमा 
  • 3 पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में इफ़तार के क़ब्ल सामान की खरीद-फरोख्त
  • 4 ग़ज़ा की पट्टी के तबाह-हाल जुनूबी इलाक़े रफा में फ़लस्तीनी ख़ानदान रोज़ा इफ़तार करते हुए
  • 5 बंगला देश के दार-उल-हकूमत ढाका में इफ़तार से कब्बाल ज़ार में ग्राहकों का हुजूम 
  • 6 फ़लस्तीन में मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे के एक कैंप में सब्जी की दुकान

फ़लस्तीनी हूँ और इस पर फ़ख़र करती हूँ', ग़ज़ा लौटने वाली नन्ही बच्ची की नज़म हो रही वायरल

✅ ग़ज़ा : आईएनएस, इंडिया 

ग़ज़ा में जंग बंदी के आग़ाज़ के बाद फ़लस्तीनी शुमाली ग़ज़ा में वापस जाने लगे हैं, ये वो फ़लस्तीनी हैं, जो इसराईली जारहीयत की वजह से शुमाली ग़ज़ा में अपने घरों से बेदख़ल किए गए थे। गुजिश्ता रोज़ इसराईली फ़ौज जंग बंदी मुआहिदे के तहत ग़ज़ा के नित्सारीम कोरीडोर से पीछे हटी जिसके बाद फ़लस्तीनीयों को शुमाल में वापस जाने की इजाज़त मिली।
    15 माह से बिछड़े फ़लस्तीनी अपने प्यारों से मिले तो कई जज़बाती मुनाज़िर देखे को मिले। ऐसे में अरब मीडिया की जानिब से शुमाल में ग़ज़ा शहर वापस जाने वाली एक पुर अज्म फ़लस्तीनी बच्ची की वीडियो भी जारी की गई है, जिसने अपने अज़म-ओ-हौसले को अशआर में ढाल दिया है। ये फ़लस्तीनी बच्ची अपनी नज़म सुनाती है कि मैं फ़लस्तीनी हूँ और मुझे इस पर फ़ख़र है, मुझे फ़ख़र है क्योंकि मैं मज़बूत हूँ और बहादुर हूँ। 
    बच्ची मज़ीद कहती है कि मैं हीरोज़ की बेटी हूँ, मैं ग़ज़ा की बेटी हूँ जो आज़ाद लोगों की ज़मीन है, जो रुस्वाई पर मौत को तर्जीह देते हैं। 
    फ़लस्तीनी बच्ची शुमाल में अपनी वापसी का ज़िक्र करते हुए कहती है कि आज हम फ़तह का ऐलान कर रहे हैं, हम वापस आए हैं ताकि घरों को दुबारा तामीर करें और तौक़ उतार कर फेंक दें।


माह-ए-रमदान की मख्सूस तारीख

  • 3 रमजान 
विसाल हजरत खातून-ए-जन्नत फातिमतुज्जोहरा रदि अल्लाहे ताअला अन्हो
  • 5 रमजान 
उर्स हजरत अब्दुल बारी शाह रह
  • 15 रमजान
विलादत ब सआदत हजरत इमाम हसन रदि
  • 17 रमजान 
जंगे बदर
  • 18 रमजान 
उर्स हजरत मूसा शहीद आरंग
  • 20 रमजान
फतह मक्का
  • 21 रमजान
शहादत हजरत अली
  • 26 रमजान
शब कद्र
  • 27 रमजान
उर्स हजरत सलीम चिश्ती
  • 29 रमजान
चांद रात

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