गजा में जारी नसलकुशी पर रोक लगाने आगे आए आलमी ताकतें

मोहर्रम उल हराम, 1447 हिजरी


फरमाने रसूल ﷺ

"तुम अपने लिए भलाई के अलावा कोई और दुआ ना करो क्योंकि जो तुम कहते हो उस पर फरिश्ते आमीन कहते है।"

- मुस्लिम 

जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदतुल्ला हुसैनी ने की अपील 

jamat-e-islami hind, nai tahreek, read me, bakhtawar adab

सलमान अहमद : नई दिल्ली

जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) के अमीर सैयद सआदतुल्ला हुसैनी ने ग़ज़ा में जारी नसलकुशी पर गहरी तशवीश का इजहार करते हुए हिंदुस्तान समेत आलमी ताकतों और दुनियाभर के होशमंद लोगों से अपील की है कि इसके खिलाफ आवाज़ और इस्राइल के लगातार हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
    मीडिया के लिए जारी अपने बयान में सैयद सआदतुल्ला हुसैनी ने कहा कि ग़ज़ा में 21 लाख से जायद लोग, जिनमें 11 लाख से जायद बच्चे शामिल हैं, लगातार घेराबंदी और भारी बमबारी की चपेट में हैं। 18 मार्च 2025 को जंगबंदी खत्म होने के बाद इस्राइल ने हमले तेज़ कर दिए हैं और बुनियादी जरूरतों की फराहमी पर रोक लगा दी है जिसके वजह से वहां के लोग भूख और प्यास की शिददत से हलाक हो रहे हैं। वाहं के हालात बेहद संजीदा है जिसपर फौरन ध्यान दिए जाने की जरूरत है। 
    उन्होंने कहा कि इस्राइली हुकूमत ग़ज़ा की अवाम को पूरी तरह नेस्तोनाबूद करने की स्कीम पर काम कर रही है। अब यह बैनुल अकवामी बिरादरी की जिम्मेदारी है कि वह इस कत्लेआम को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई करे।
    मुख्तलिफ जराय से मिलने वाली खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ग़ज़ा के 90 फीसद हस्पताल या तो जमीदांश हो चुके हैं या काम नहीं कर रहे हैं। साफ-सफाई, पीने के पानी और सेहत की खिदमात की कमी के सबब दस्त, हेपेटाइटिस-ए और सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। यूनिसेफ के मुताबिक 6.6 लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और 17 हज़ार से जाइद बच्चे अनाथ या अकेले हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर ग़ज़ा की घेराबंदी फौरन खत्म नहीं हुई तो सितंबर 2025 तक वहां पूरी तरह अकाल के हालात बन सकते हैं। 
    सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने हालात को देखते हुए बैनुल अकवामी बिरादरी से ठोस और फैसलाकुन कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि यह मौजूदा आलमी तरतीबात (वैश्विक व्यवस्था) के लिए एक कठिन इम्तेहान का दौर है। उन्होंने सभी मुल्कों से अपील करते हुए कहा कि वे इसके खिलाफ आवाजा बुलंद करें। 
    सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने हुकूमत से इस मसले पर तारीखी और इखलाकी जिम्मेदारी निभाने की गुजारिश करते हुए कहा कि नाज़ुक वक्त पर हमारी आवाज़ पहले से ज्यादा साफ और बुलंद होनी चाहिए। 
    आखिर में उन्होंने मुल्क की अवाम से इस्राईल के खिलाफ पर अमन मजाहमत में सक्रिय भागीदारी निभारे की अपील करते हुए इस्राइली प्रोडक्ट दीगर कंपनियों का बायकाट करें। 

- राष्ट्रीय सहायक सचिव, मीडिया विभाग
जमात-ए-इस्लामी हिंद, केंद्रीय कार्यालय
जामिया नगर, ओखला

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ