पैगंबर-ए-इस्लाम ﷺ के बताए रास्ते पर चलकर ही आएगा अमन, दुनिया के लिए रहमत बनकर आए नबी ﷺ

जश्ने ईद मिलादुन्नबी के 1500 वें साल पर खास तैयारियों,  लोगों ने बताई नबी 000 से जुड़ी खास बातें


जश्ने ईद मिलादुन्नबी

✅ नई तहरीक : भिलाई

    पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद  के 1500 जन्मदिन पर 5 सितंबर को शहर में मुख्तलिफ तकारीब मुनाकिद होने जा रही है। हजरत मुहम्मद  की आमद के 1500 साल होने पर हर तरफ खुशियों का माहौल है। जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारी में जुटे लोग मानते हैं कि दुनिया में अमन कायम करना है तो पैगम्बर हजरत मुहम्मद  के बताए रास्ते पर अमल करना सबसे बड़ी पहल है। 



    हजरत मुहम्मद  ने जिंदगी जीने का जो तरीका बताया है, वह समूची इंसानियत के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। जरूरत इस बात की है कि हम इस पर अमल कर अपनी और मआशरे की जिंदगी को सुधारें।

नबियों के सरदार की पाकीजा जिंदगी हम सबके लिए सबक : असलम

 

    इस्लामिक मामलों के जानकार और छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के रियासती महामंत्री व तर्जुमान सैय्यद असलम कहते हैं- नबियों के सरदार हजरत मुहम्मद  की आमद का मक़सद दुनिया से जुल्म और सितम को खत्म कर एक अल्लाह इबादत के जरिए पाकीजा जिंदगी की ओर लोगों को मोड़ना था। हजरत मोहम्मद  ने भूखों को खाना खिलाने, बेसहारों की मदद करने, राहगीरों के लिए मुसाफ़िर खाना बनाने और प्यासों के लिए पानी का इंतजाम करने वाली बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की हिदायत दी है।

इंसानियत के लिए रहमत है पैगम्बर मुहम्मद का दुनिया में आना:  : मुफ्ती सोहेल


    काज़ी ए शहर भिलाई-दुर्ग मुफ्ती मुहम्मद सोहेल कासमी कहते हैं कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दुनिया में आना इंसानियत के लिए रहमत है, और एक बेहतर जिंदगी गुजारने का तरीका ए तालीम के साथ बुराईयों को खत्म कर दुनिया में ज़हालत को मिटाना ओर मुनज्जम मआशरे को खड़ा कर दुनिया में अल्लाह के पैगाम को पहुंचना है। हर उम्मती का फर्ज है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद  के दिखाए रास्ते पर चलते हुए खालिके कायनात को राजी करें। प्यारे नबी  की जिंदगी अपनाने के साथ अपनी जिंदगी बिताएं और सादगी को अपनाने के साथ अमन और खुशहाली को क़ायम करें। हमारी जिंदगी का मकसद होना चाहिए, अल्लाह को राज़ी करना उसकी बंदगी करना। 

इंसानियत जिंदा होती है नबी  की जिंदगी पर अमल से : हाजी सिद्दीकी 


    मशहूर आर्किटेक्ट और हाउसिंग बोर्ड निवासी हाजी एमएच सिद्दीकी कहते हैं, पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम ने साफ सुथरी पाकीजा जिंदगी की रहनुमाई की है और ऐसा सामाजिक माहौल तैयार किया जिससे इंसानियत जिंदा होती है । 
    पैगम्बर हजरत मुहम्मद 
 से सच्ची मोहब्बत उनके बताए तरीका ए तालीम को अपनी जिंदगी में उतारकर उस पर अमल करना है। इस्लाम के मायने सलामती और अमन से है। पूरी दुनिया में अमन व सलामती कायम रहे, इसके लिए हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने उम्मत को हिदायत की। अल्लाह ने कमोबेश सवा लाख से ज्यादा अपने रसूल और नबी इस दुनिया में भेजे। इनमें आखिर नबी सरदारूल अम्बिया की उम्मत में पैदा होना हम सबके लिए बड़ी किस्मत की बात है।

पूरी दुनिया के लिए रहबर बन कर आए : नदीम 


    पेस्ट कंट्रोल के पेशे से जुड़े दुर्ग निवासी मजहर नदीम कहते हैं- हजरत मोहम्मद  पूरी दुनिया ए इंसानियत के लिए रहबर बनकर आए। उन्होंने दुनिया के तमाम लोगों के लिए अमन और सलामती की राह को मजबूत करने के साथ सच्चाई पर चलने की हिदायत दी। साथ ही यह बताया कि आपका पड़ोसी हमेशा आपके अच्छे अखलाक और तालुकात के साथ अमन हिफाज़त मे रहे, मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी अदा कर दी जाए, बेटियों को आप जिंदगी दो और उन्हें तालीम से भी आरास्ता करो, रास्ते  में पड़ा कांटा हटाओ, कोई भूखा न सोए। 

नबी की आमद से जहालत मिटी : कहकशां


    जोन 3 खुर्सीपार निवासी कहकशां कुरैशी कहती हैं कि प्यारे नबी हजरत मोहम्मद  की आमद से दुनिया में  जहालत खत्म हुई गुलामी से आजादी मिली। ये हमारी खुशकिस्मती है कि अल्लाह के लाडले हबीब  की उम्मत में हमारी आंखें खुली। आप  ने खवातीन को उनका जायज हक दिलाया। उस दौर में अरब में लड़की पैदा होना बुरा तसव्वुर किया जाता था लड़कियों को जिंदा दफन कर देना आम था । आप   ने लोगों को तलकीन कर लड़कियों की परवरिश करने की नसीहत की। बेवा और यतीम की खैरख्वाह बनने की हिदायत दी। 

नई नसल को आप  की जीवनी पढ़ने की जरूरत : अकरम


    पेशे से साफ्टवेयर इंजीनियर सैयद अब्दुल अकरम कहते हैं हमारी खुशकिस्मती है कि हम हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत में पैदा हुए। उन्होंने आगे कहा कि नई नसल को आप  की सवाहें उमरी जरूरी पढ़नी चाहिए। आप  सभी के लिए नबी बनाकर भेजें गए हैं उन्होंने अल्लाह तक पहुंचने का सीधा रास्ता बताया। आप  हजरत आदम से लेकर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के बताए रास्ते को दीन ए इस्लाम  बना कर दुनिया के सामने पेश किया। यही एक अल्लाह की इबादत है। 

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