रबि उल आखिर, 1447 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
जिस शख्स की रूह इस हाल में उसके जिस्म से जुदा हो के वो तीन चीजों से बरी हो तो वो जन्नत में जाएगा
1, तकब्बुर
2, कर्ज और
3, खयानत
- मसनद अहमद
अमोबा के ज़ेर-ए-एहतिमाम ''यौम सर सय्यद' पर पर पुर वक़ार तक़रीब का इनइक़ाद, दानिश्वरान ने किया इज़हार-ए-ख़्याल
एएमयू ओल्ड ब्वॉयज़ एसोसीएशन, अमोबा मध्य प्रदेश (भोपाल) के जे़रे एहतिमाम ''यौम सर सय्यद'' की पुर वक़ार तक़रीब जश्न-ए-बहार, मैरिज गार्डन, निज़द ईंट खेड़ी में मुनाक़िद हुई।मेहमान-ए-ख़ुसूसी डाक्टर संवर पटेल (चेयरमैन, एमपी वक़्फ़ बोर्ड) थे। एमडब्लयू अंसारी (रिटायर्ड आईपीएस, साबिक़ डायरेक्टर जनरल आफ़ पुलिस, छत्तीसगढ़, डाक्टर ख़ुरशीद आलम नदवी, अलीग और बृजमोहन शर्मा, काके भाई बतौर मेहमानाने एज़ाज़ी शरीक थे।
तकरीब से खिताब करते हुए मेहमान-ए-ख़ोसूसी डाक्टर संवर पटेल ने कहा कि सर सय्यद अहमद ख़ां की जद्द-ओ-जहद ने बर्र-ए-सग़ीर के मुस्लमानों में इलम-ओ-शऊर की नई रोशनी पैदा की। आज ज़रूरत है कि तालीम को महज हुसूल-ए-डिग्री नहीं बल्कि किरदार साज़ी और समाजी ख़िदमत का ज़रीया बनाया जाए। उन्होंने मज़ीद कहा कि मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड मुस्लिम तलबा की स्कालरशिप, आला तालीम और कोचिंग सहूलतों के फ़रोग़ पर ख़ुसूसी तवज्जा दे रहा है ताकि बासलाहीयत तलबा को आगे बढ़ने का भरपूर मौक़ा मिल सके।
इस मौक़ा पर अमोबा को ज़मीन देने का यक़ीन दिलाते हुए उन्होंने कहा कि वो हत्तल इमकान कोशिश-ओ-जद्द-ओ-जहद कर इस काम को अंजाम देंगे।
मेहमान मुकर्रम एमडब्लयू अंसारी ने अपने ख़िताब में कहा कि मुझे ख़ुशी है कि इमसाल के मेहमानान में ऐसे लोग शामिल हैं, जो तालीम के मैदान में मुस्लमानों की सर-बुलंदी चाहते हैं। एमपी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन डाक्टर संवर पटेल और शाही औक़ाफ़ के अहम ज़िम्मेदार, अमोबा के चेयरमैन आज़म अली ख़ान यहां मौजूद हैं। दोनों के पास बेशुमार ज़मीनें हैं और ऐसी भी ज़मीनें हैं, जिनमें वाक़िफ़ की मंशा मुस्लमानों की ख़ैर और तालीम से वाबस्ता है। अमोबा के ज़िम्मा दारान और अराकीन यहां मौजूद हैं। अमोबा के पास बेहतरीन विजन है मगर ख़ाब को हक़ीक़त में तबदील करने के लिए ज़मीन नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर एमपी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन डाक्टर संवर पटेल की नजरें इनायत हो जाएगी तो इस हक़ीक़त को अमली जामा पहनाया जा सकता है, जो मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी की सद साला तक़रीब से ख़िताब करते हुए कहा था कि मैं यहां के तलबा के एक हाथ में साईंस-ओ-फ़लसफ़ा और दूसरे हाथ में कम्पयूटर देखना चाहता हूं। डाक्टर संवर पटेल इस जानिब तवज्जा करेंगे तो पीएम मोदी के ख़ाब की तकमील होगी और सर सय्यद के ख़ाब की ताबीर मुनव्वर होगी।
उन्होंने वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ और उम्मीद पोर्टल पर वक़्फ़ जायदादों के इंदिराज के मुताल्लिक़ मैमोरंडम भी पढ़ कर सुनाया। बादअज़ां उसे डाक्टर संवर पटेल को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि जिस रफ़्तार से इंदिराज होना चाहीए उस रफ़्तार से इंदराज नहीं हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चेयरमैन और अमोबा के बाहमी तआवुन से इस काम को जल्द अज़ जल्द पूरा किया जा सकेगा।
प्रोग्राम में शरीक अमोबा की अहम रुकन डाक्टर आसिफ़ा यासीन ने भी इज़हार-ए-ख़याल करते हुए तालीम के साथ स्किल डेवलपमंट की जरूरत पर जोर दिया।
मुमताज़ सहाफ़ी और सीनीयर अलीग डाक्टर महताब आलम ने एमडब्लयू अंसारी के ताअस्सुरात की ताईद करते हुए अमोबा के लिए ज़मीन देने का मुतालिबा किया। उन्होंने मज़ीद कहा कि अलीगढ़ बिरादरी को याद होगा कि साबिक़ वीसी प्रोफेसर पीके अबदुल अज़ीज़ के अह्द में अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के पाँच मराकज़ खोलने का फ़ैसला किया गया था जिसमें मल्लापूरम केराला, मुर्शिदाबाद, बंगाल और किशनगंज बिहार के अलावा औरंगाबाद, महाराष्ट्र और भोपाल (मध्य प्रदेश) का नाम शामिल है, लेकिन भोपाल मर्कज़ को अब तक ज़मीन नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि अगर डाक्टर संवर पटेल इस जानिब तवज्जा देते हैं तो क़ौम उनके तंई शुक्रगुज़ार होगी और मोदी जी के इस मिशन की ताबीर सब पढ़ें, और सब बढ़ें की ताबीर हो सकेगी।
उन्होंने डाक्टर संवर के अक़ल्लीयती तलबा की तालीम और स्कालरशिप के लिए उठाए गए क़दम की ताअरीफ की। उन्होंने कहा कि अमोबा के पास ज़मीन होगी, उसका अपना इदारा होगा तो सर सय्यद के खवाब का मिशन तकमील तक पहुंच सकेगा। उन्होंने भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए तालीम के मैदान में तर्जीहात की बुनियाद पर काम करने की जरूरत पर जोर दिया।
कलीदी ख़ुतबा डाक्टर ख़ुरशीद आलम नदवी, अलीग ने दिया जबकि प्रोग्राम की सदारत अमोबा के सदर आज़म अली ख़ान ने की। उन्होंने तंज़ीम के विजन और मिशन पर तफ़सील से रोशनी डालते हुए कहा कि अमोबा का मक़सद सिर्फ तक़रीबात तक महिदूद नहीं बल्कि सर सय्यद के मिशन को अमली जामा पहनाना है। उन्होंने मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि भोपाल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के कयाम का ख़ाब अभी अधूरा है, जिसे शुरकाए तक़रीब की इजतिमाई कोशिशों से मुकम्मल किया जा सकता है।
वाजेह रहे कि मुनाक़िदा प्रोग्राम में डाक्टर ज़रीना ख़ातून की किताब 'हिस्ट्री आफ़ मेडिसिनह्ण का रस्म इजरा भी अमल में आया। नीज़ फ़राज़ अहमद को 'क़ाज़ी इक़बाल' ऐवार्ड से सरफ़राज़ किया गया।
प्रोग्राम में ख़ुसूसी तौर पर तसनीम हबीब, डाक्टर अब्बू काशिफ़ अनवर, मुहम्मद अतीक़ और अमोबा के तमाम मेंबरान के साथ कसीर तादाद में अलीगस, मीडीया पर्सन और दीगर ने शिरकत की। अख़ीर में तराना अलीगढ़ के साथ प्रोग्राम इख़तताम पज़ीर हुआ। इज़हार-ए-तशक्कुर डिप्टी कमिशनर ख़ालिद इक़बाल ने किया।

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