रबि उल अल अव्वल 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
तुम में सबसे ज़्यादा अज़ीज़ मुझे वो शख्स है, जिसके आदात व अखलाक सबसे उमदा हो।
- बुखारी शरीफ
-----------------
✅ पेशावर : आईएनएस, इंडिया
ख़ैबर पख्तूनख्वा के क़बाइली ज़िला करम में ज़मीनी तनाज़े से शुरू होने वाला तसादुम (टकराव) फ़िर्कावाराना कशीदगी में तबदील हो गया। इस दौरान झड़पों में 46 अफ़राद हलाक और 98 ज़ख़मी हो गए। ज़िलई इंतिज़ामी अफ़्सर डिप्टी कमिशनर के दावों के बावजूद हुकूमत या इंतिज़ामीया की जानिब से तशकील करदा रिवायती क़बाइली जरगे फ़रीक़ैन को जंगबंदी पर राज़ी करने के लिए कामयाब नहीं हो सके।
करम के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में चार मुक़ामात पर मुतहारिब शीया और सुन्नी क़बाइल के दरमयान झड़पों का सिलसिला जुमे के रोज़ भी जारी रहा। ज़िलई पुलिस और इंतिज़ामीया में शामिल ओहदेदारों ने राबते पर मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर क़बाइल के माबैन (बीच) झड़पों की तसदीक़ करते हुए बताया कि फ़रीक़ैन (दोनो पक्ष) एक-दूसरे को छोटे-बड़े हथियारों से निशाना बना रहे हैं। ज़िला करम के डिप्टी कमिशनर जावेद अल्लाह महसूद के मुताबिक़ अपर करम के इलाक़े बोशहरा में एक हफ़्ता क़बल दो ख़ानदानों के दरमयान फायरिंग के वाकिये के बाद झड़पें शुरू हुईं जो ज़िलाभर में फैल गई। ज़िलई पुलिस ओहदेदारों और पाढ़ा चनार के सीनीयर सहाफ़ी अली इफ़ज़ाल ने वाइस आफ़ अमरीका को बताया कि जुमेरात की शब तक जारी झड़पों में मज़ीद पाँच अफ़राद हलाक और 12 ज़ख़मी हुए हैं।
उनके बाक़ौल जख्मियों में ज़्यादातर पाढ़ा चनार और सदा के अस्पतालों में जे़रे ईलाज हैं। एक और सहाफ़ी सज्जाद हैदर ने बताया कि फ़रीक़ैन के दरमयान झड़पों की वजह से मुतास्सिरा इलाक़ों को दीगर इलाक़ों से मिलाने वाली सड़कें और रास्ते मुकम्मल तौर पर बंद हैं। चेयरमैन प्राईवेट स्कूलज़ मैनिजमंट मुहम्मद हयात ख़ान ने ज़िला करम के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में झड़पों पर अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि शहर और मुतास्सिरा इलाक़ों में तालीमी इदारे एक हफ़्ते से बंद हैं। क़बाइली और समाजी रहनुमा मीर अफ़ज़ल ख़ान ने बताया कि करम के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में जारी फ़िर्कावाराना कशीदगी और मुतहारिब क़बाइली गिरोहों के दरमयान झड़पों के बाइस पाढ़ा चनार पेशावर मर्कज़ी शाहराह और पाक अफ़्ग़ान ख़र लाची बॉर्डर आमद-ओ-रफ़त के लिए बंद है। उन्होंने कहा कि सड़कों की बंदिश से खाने-पीने की चीजों की क़िल्लत पैदा हो गई है।
मीर अफ़ज़ल ने बताया कि गुजिश्ता कई रोज़ से जंग बंदी की कोशिश हो रही है लेकिन कोई फ़रीक़ इसके लिए तैयार नहीं है। करम के बेशतर सुन्नी और शीया फ़िर्क़ों के रहनुमा भी इस सूरत-ए-हाल से परेशान हैं। जुमेरात को पाढ़ा चनार और पेशावर में अमाइदीन (बुजुगों) ने प्रेस कान्फ्रेंस में फ़ौरी जंग बंदी के लिए हुकूमत से मुदाख़िलत का मुतालिबा किया है। इसी सिलसिले में मुनाक़िदा जरगे में क़बाइली रहनुमा जलाल बंगिश, एमएनए हमीद हुसैन और मुल्क हाजी ज़ामिन हुसैन ने कहा कि मामूली नौईयत के मसले पर दो ख़ानदानों के दरमयान फायरिंग का वाक़िया इंतिज़ामीया और दीगर ज़िम्मेदारों की लापरवाही के बाइस खूँरेज़ झड़पों में तबदील हो गया।
दूसरी जानिब लोअर करम सदा में भी क़बाइली अमाइदीन का जरगा भी मुनाक़िद हुआ जिसमें डिप्टी कमिशनर जावेद अल्लाह महसूद और दीगर हुक्काम भी शरीक हुए। जरगा से ख़िताब में अमाइदीन ने कहा कि वो अमन चाहते हैं मगर इससे क़बल लड़ाई झगड़ों में फ़ायर बंदी के लिए हुकूमत की जानिब से जो कोशिश और सख़्ती की जाती थी, वो अब नहीं की जा रही जिसकी वजह से झड़पों में मुसलसल शिद्दत आई।
0 टिप्पणियाँ