लेबनान : जख्मियों से भर गए अस्पताल, बच्चे की पैदाइश के लिए ख़ातून को भेजना पड़ा ईराक

 रबि उल आखिर 1446 हिजरी 

 फरमाने रसूल ﷺ 

वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।

- बुख़ारी शरीफ 

लेबनान : जख्मियों से भर गए अस्पताल, बच्चे की पैदाइश के लिए ख़ातून को भेजना पड़ा ईराक,bakhtawar adab, nai tahreek

✅ बेरूत : आईएनएस, इंडिया 

लेबनान में जारी बमबारी के नतीजे में लेबनान के सारे अस्पताल जख्मियों से भर गए है। हालत यह हो गई कि एक हामिला को बच्चे की पैदाईश के लिए किसी अस्पताल में जगह नहीं मिली। मजबूरी में उस खातून को ईराक भेजना पड़ा। 


    लेबनान के अस्पतालों की हालत देखकर खातून लुबना इस्माईल और उनके शौहर ने फैसला किया कि उन्हें फौरन अपने दो और कमसिन बच्चों के साथ लेबनान छोड़ना पड़ेगा ताकि लुबना की डिलीवरी में कोई दिक्कत पेश न आए। लुबना के बाक़ौल उन्होंने इससे पहले सय्यद वन और बेरूत में हर जगह हस्पतालों से राबिता किया ताकि कोई हस्पताल उन्हें रजिस्टर कर ले लेकिन हर जगह बमबारी से मरने वालों की लाशें और ज़ख़मी भरे पड़े थे। लुबना ने बताया कि उनके वालिद ने उन्हें ईराक चले जाने का मश्वरा दिया जिसके बाद वे अपने शौहर और दो और कमसिन बच्चों के साथ नजफ़ की फ्लाइट पकड़कर इराक़ पहुंच गए। जहां अल्लाह ने उन्हें एक खूबसूरत बच्ची से नवाजा जिसका नाम उन्होंने जुहरा रखा है। ईराक रवाना होने से पहले लेबनान में जारी बमबारी से वे बेघर हो गए थे। 

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    वाजेह हो कि लेबनान में जारी इसराईल की बमबारी के नतीजे में अब तक लाखों शहरी बेघरी का शिकार हो कर नक़्ल मकानी कर चुके हैं। उनमें ऐसे भी हैं, जिन्होंने शाम का रूख किया। हालांकि अब भी बड़ी तादाद लेबनान के अंदर ही एक शहर से दूसरे की जानिब भाग रहे हैं। 

हज़ारों बरस पुराने किले के करीब बमबारी

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File Photo

बेरूत : मशरिक़ी (पूर्वी) लेबनान के बलबक नामी जगह पर पुराने किले के क़रीब इसराईल ने हमला कर दिया। क़िला हज़ारों बरस पुराना है। बलबक के गवर्नर बशीर ख़िज़र ने बताया कि हमला किले से तक़रीबन 700 मीटर के फ़ासले पर हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले से आसारे-ए-क़दीमा (आर्कियोलाजिकल साईट) पर मनफ़ी (निगेटिव) असर पड़ेगा। एजेंसी फ़्रांस प्रेस की तसावीर में बलबक के इस आसारे-ए-क़दीमा के मुक़ाम के पीछे से धुएं के बादल निकलते दिखाए गए है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की तालीमी, साईंसी और सक़ाफ़्ती तंज़ीम की वेबसाइट के मुताबिक़ इस शहर को हैलेंस्टिक दौर में सूरज का शहर कहा जाता था। 

    बलबक अपनी बड़ी इमारतों के साथ अपने उरूज के दौर में रूमी शाही फने तामीर की सबसे अहम यादगारों में से एक समझा जाता है। रूमी दौर का बलबक का ये तारीख़ी क़िला 1984 से यूनेस्को की फेहरिस्त में शामिल है। गुजिश्ता 23 सितंबर से इसराईल ने बेरूत के जुनूबी मज़ाफ़ाती इलाक़ों पर अपने हमले तेज़ कर दिए हैं। इसराईली फ़ौज ने हिज़्बुल्लाह के गढ़ समझे जाने वाले लेबनान के मुतअद्दिद इलाक़ों पर अपने तबाहकुन फ़िज़ाई हमले भी जारी रखे हुए हैं। इसराईल ने 30 रहनुमाओं समेत हिज़्बुल्लाह के 440 अरकान को हलाक करने का ऐलान किया है। इससे कब्ल इसराईल ने 17 और 18 सितंबर को लेबनान में हज़ारों पेजर्स और वाकी टॉकीज़ को धमाके से उड़ा दिया था। 4 अक्तूबर को हिज़्बुल्लाह की एग्जीक्यूटिव बॉडी के सरबराह हाशिम सफ़ी उद्दीन को निशाना बनाया गया। 8 अक्तूबर 2023 से लेबनान में बे-घर होने वाले अफ़राद की तादाद 12 लाख पहुंच गई है। लेबनानी वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ लेबनान में मरने वालों की तादाद 2,036 तक पहुंच गई है। उनमें ज़्यादा-तर अम्वात गुजिश्ता दो हफ़्तों के दौरान हुई हैं।


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