रबि उल आखिर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।
- बुख़ारी शरीफ
सबसे पुरानी चीज का ताअल्लुक बलद के इलाक़े में वाके हज़रत उसमान बिन अफान रदि अल्लाह ताअला अन्हो की जामा मस्जिद से है
इसका ताल्लुक़ पहले हिज्री साल से है
जददा के तारीख़ी इलाक़े अलबलद में 233 पुरानी इमारतों की बहाली मुकम्मल
सऊदी वज़ारत-ए-सक़ाफ़त के मंसूबे जद्दा तारीख़ेह के तहत पहले मरहले का तामीराती-ओ-इस्लाही काम मुकम्मल कर लिया गया है। उकाज़ अख़बार के मुताबिक़ पहले मरहले में जददा के क़दीम तारीख़ी इलाक़े अलबलद में 233 क़दीम (पुरानी) इमारतें, जो इंतिहाई ख़स्ता-हाल हो चुकी थीं, की तामीर-ओ-इस्लाह की गई, जबकि 35 क़दीम-ओ-तारीख़ी इमारतों की इस्लाह-ओ-मुरम्मत का काम मुकम्मल किया गया है। तारीख़ी-ओ-क़दीम (ऐतिहासिक और पुराने) इलाक़े की बहाली के हवाले से साल 2021 में वली अहद शहज़ादा मुहम्मद बिन सलमान बिन अबदुल अज़ीज़ ऑल सऊद ने 'जद्दा के क़दीम इलाक़ों की तजदीद के उनवान से मंसूबे का ऐलान किया था जिसकी निगरानी वज़ारत-ए-सक़ाफ़त को सौंपी गई। तजदीद-ओ-इस्लाह के हवाले से किए जाने वाले कामों के दौरान 25 हज़ार से ज़ाइद क़दीम नवादिरात (अवशेष) भी इन मुक़ामात से मिले जिन्हें वज़ारत-ए-सक़ाफ़त की निगरानी में दिया गया। वज़ारत-ए-सक़ाफ़त का कहना था कि पुरानी चीजों में से कुछ का ताल्लुक़ इस्लाम के इबतिदाई दौर से है, जिन्हें म्यूज़ीयम में रखा गया है।
इन पुरानी चीजों में सबसे पुरानी बलद के इलाक़े में हज़रत उसमान बिन अफान रदि अल्लाह अन्हो जामा मस्जिद से ताल्लुक़ रखती है जो एक लकड़ी के टुकड़े पर कुंदा नक्श थे जिनका ताल्लुक़ पहले साल हिज्री से है। उसी बीच क़दीम इलाक़े को ख़ूबसूरत बनाने के लिए 150 हज़ार मीटर मुरब्बा सड़कों की तज़ईन-ओ-आराइश की गई जबकि मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर पौधे लगाए गए। इसके अलावा इलाक़े की ख़ूबसूरती को उजागर करने के लिए मुतअद्दिद फ़व्वारे भी नसब किए गए हैं।
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