रज्जब उल मुरज्जब, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
लोगों को अपने शर से महफूज़ कर दो, उन्हें तकलीफ ना पहुंचाओ के ये भी एक सदका है, जिसे आप खुद अपने आप पर करोगे।
- सहीह बुखारी
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पुरानी और जईफ कुरआन पाक रखी जाती है गार में
गार में रखी कुरआन पाक की तादाद तीन करोड़ से ज्यादा
दुनियाभर से लोग जियारत के लिए पहुंचते हैं गार
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✅ कोइटा : आईएनएस, इंडिया
बलोचिस्तान के शहर कोइटा में वो जब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन से 120 क़दीम (पुरानी) और नायाब कुरानी नुस्खे़ चोरी हो गए। चोरीशुदा नुस्ख़ों में 600 से 700 साल पुराने और कुछ हाथ से तहरीर करदा नुस्खे़ भी शामिल हैं। थाना बरौरी पुलिस ने जबल नूर अल क़ुरआन के इंचार्ज अजमल ख़ान की शिकायत पर मुक़द्दमा दर्ज कर वाकिये की तहक़ीक़ात शुरू कर दी है।
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जुब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन के इंचार्ज के मुताबिक़ मंगल और बुध की दरमयानी शब नामालूम चोर ग़ार में दाख़िल हुए और वहां शीशे तोड़ कर क़दीम करानी नुस्खे़ चुरा ले गए। अजमल ख़ान ने पुलिस को बताया कि जब वो बुध की सुबह 10 बजे जुब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन पहुंचे तो ग़ार के दरवाज़े का ताला टूटा हुआ था और वहां 12 शो-केस के शीशे टूटे हुए थे।
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वाजे रहे कि जुब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन कोइटा के मुज़ाफ़ात (करीब) में चलतन पहाड़ी सिलसिले में है जहां पहाड़ों में सुरंग खोद कर क़ुरआन के ज़ईफ़ और मख़दूश नुस्खे़ और दीगर मज़हबी किताबें रखी गई हैं। मुंतज़मीन (प्रबंधकों) का कहना है कि बलोचिस्तान में लोगों के जान-ओ-माल ग़ैर महफ़ूज़ होने के बाद अब कलाम-ए-इलाही भी ग़ैर महफ़ूज़ है।
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जबल नूर कमेटी के रुकन मीर बालाच लहड़ी ने बताया कि शोकेस से 120 नुस्खे़ चोरी हुए हैं जिनमें से बाअज़ (कुछ) 300 से 700 साल क़दीम हाथ से तहरीर शूदा नुस्खे़ भी शामिल हैं। उनके बाक़ौल ये क़ुरान-ए-पाक के मुक़द्दस नुस्खे़ हमारे लिए क़ीमती नवादिरात से भी ज़्यादा हैसियत रखते थे जिन्हें इस तरह बे-हुरमती से चुराया गया है। बालाच लहड़ी ने कहा कि पहले ही लोगों की जान-ओ-माल महफ़ूज़ नहीं थी और अब मुक़द्दस कलाम और अमानत भी महफ़ूज़ नहीं है।
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दूसरी जानिब अजमल ख़ान का कहना है कि जबल नूर अल-क़ुरआन में सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं। लेकिप ज़्यादा लोड शेडिंग की वजह से बैट्री बैक अप ख़त्म हो चुका था। उन्होंने इस ख़दशे का इज़हार किया कि मुल्ज़िमान कार्रवाई से कब्ल शायद कई बार जुब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन आ चुके हैं, जिनके पास तमाम मालूमात थीं जिसकी वजह से उन्होंने मुनज़्ज़म तरीक़े से कार्रवाई की।
पुलिस का कहना है कि मुल्ज़िमान की तलाश के लिए क़रीबी इमारतों में नसब सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है और उम्मीद है कि जल्द ही गिरफ्तारियां अमल में आएगी।
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कोइटा के नवाही इलाक़े मग़रिबी बाई पास पर किवह-ए-चलतन के दामन में 1992 में हाजी अब्दुल मजीद लहड़ी और उनके भाई ने क़ुरआन के नाक़ाबिल-ए-मुताला नुस्ख़ों को महफ़ूज़ बनाने के लिए एक ग़ार बनाया था। इबतिदा में यहां कोइटा और अंदरून-ए-बलोचिस्तान समेत अंदरून-ए-मुल्क से क़ुरआन के ज़ईफ़ औराक़ (पन्ने) इकट्ठे कर महफ़ूज़ किए जाते है। अब दुनिया-भर से क़ुरआन के जईफ नुस्खे़ (पुरानी कुरआन) यहां भिजवाए जाते हैं जिसकी वजहसे जुब्बल-ए-नूर अल-क़ुरआन एक म्यूज़ीयम की शक्ल इख़तियार कर चुका है जहां मुल्क भर से लोग सयाहत और इबादत की ग़रज़ से आते हैं।
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मुंतज़मीन के मुताबिक़ पहाड़ के अंदर सैंकड़ों मीटर तक़रीबन 30 से ज़ाइद ग़ारें खोदी गई हैं जिनमें रखे गए कुरानी नुस्ख़ों की तादाद तक़रीबन तीन करोड़ से तजावुज़ कर चुकी है। महफ़ूज़ करदा कुरानी नुस्ख़ों में मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा गए 600 से 700 साल क़दीम नुस्खे़ भी शामिल हैं। जबकि सबसे क़ीमती कुरानी नुस्ख़ा हज़रत उसमान ग़नी रदि अल्लाह हो अन्हो के रस्म-उल-ख़त का है।
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चलतन पहाड़ के सीने में ना सिर्फ ज़ईफ़ कुरानी औराक़ को महफ़ूज़ किया जाता है बल्कि उनमें क़ाबिल मुताला नुस्ख़ों की मरम्मत कर मुख़्तलिफ़ दीनी मदारिस को तलबा के लिए फ़राहम किया जाता है। जबल नूर अल-क़ुरआन के मुंतज़मीन ने बलोचिस्तान हुकूमत से अपील की है कि वो दुनिया-भर में मुनफ़रद (अलग) हैसियत रखने वाले जबल नूर उल-क़ुरआन की सरकारी सतह पर हिफ़ाज़त के लिए ना सिर्फ अमल करे बल्कि क़ुरान-ए-पाक के क़दीम नुस्खे़ चोरी करने वाले मुल्ज़िमान को फ़ौरी तौर पर गिरफ़्तार करे।
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