जिल हज्ज, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"अल्लाह ताअला फरमाता है: मेरा बंदा किसी और चीज़ के जरिये मुझ से इतना करीब नहीं होता, जितना फर्ज़ इबादत के जरिये होता है।"
- सहीह बुखारी
नई तहरीक : 1446 हिज्री, बमुताबिक़ 2025 के मनासिक का आग़ाज़ होते ही यौम अल तरवीह (8 जिल हज्जा) को लाखों हुज्जाज कराम वादी-ए-मीना पहुंच गए, जहां उन्होंने सारा दिन आरिज़ी ख़ेमा बस्ती में गुजारा। हुज्जाज को क़ाफ़िलों की सूरत में मरहला वार मुशाविर ट्रेन सर्विस के अलावा बसों के ज़रीये वादी-ए-मीना में मुंतक़िल किया गया। मीना में गर्मी की तपिश को कम करने के लिए रात से ही 'वाटर शाइरिंग का इंतिज़ाम कर दिया गया था जिसकी वजह से मौसम क़दरे ख़ुशगवार हो गया था।
सिक्योरिटी अहलकार और स्काउटस मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर हुज्जाज की मदद और रहनुमाई के लिए मौजूद रहे। स्काउटस और अहलकार भी हुज्जाज पर पानी का छिड़काव करते रहे ताकि उन्हें गर्मी की शिद्दत से महफ़ूज़ रखा जा सके।
वादी-ए-मीना की आरिज़ी ख़ेमा बस्ती लाखों फर्जंदानें इस्लाम की लब्बैक की सदाओं से गूंज उठी। 8 जिल हिज्ज ब मुताबिक 4 जून को हुज्जाज ने सारा दिन मीना की ख़ेमा बस्ती में गुज़ारा जहां पांचों वक़्त की नमाज़ अदा करने के बाद रात गए वे हज के रुकन-ए-आज़म की अदायगी के लिए मैदान-ए-अर्फ़ात के लिए रवाना।
गौरतलब है कि इस साल हज सीजन का आगाज आसानी और इत्मीनान स्लोगन के साथ हुआ है। इसका मक़सद हुज्जाज किराम को हर तरह से आराम-ओ-सहूलत फ़राहम करना है ताकि वो किसी भी किस्म की दुशवारी के बग़ैर फ़रीज़ा हज कर सकें।
सउदी हुकूमत ने किए मिसाली इंतेजाम
हज इंतिज़ामात के बारे में हुज्जाज का कहना था कि सऊदी हुकूमत ने मिसाली इंतिज़ामात किए हैं। दयार-ए-मुक़द्दस के सफ़र के आग़ाज़ से लेकर अर्ज़-ए-हरमैन में पहुंचने तक हमें किसी किस्म की दुशवारी का सामना नहीं करना पड़ा। तमाम मराहिल इंतिहाई ख़ूबसूरती और इतमीनान के साथ हुए।
एक और आज़िम हज का कहना था कि जिस तरह पिछली बार इंतिज़ामात मिसाली किए गए थे, उन्हें देखते हुए यही कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में भी किसी किस्म की दुशवारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सिक्योरिटी के सख्त इंतेजाम
वादी-ए-मीना जाने वाले रास्तों पर हज सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ की जानिब से चैक पोस्टें क़ायम की गई हैं जहां से किसी को भी हज परमिट के बग़ैर मुशाविर मुक़द्दसा में जाने की इजाज़त नहीं दी जा रही है। सिक्योरिटी अहलकार ख़ुसूसी डीवाइसेज से लैस हैं जिनके ज़रीये वो मुशाविर में आने वालों के परमिट चैक कर रहे हैं।
हज सीज़न के आग़ाज़ से ही वज़ारात-ए-दाख़िला ने परमिट के बग़ैर हज नहीं का ऐलान किया था, जिसका मक़सद इज़दहाम पर क़ाबू पाना और क़ानूनी तौर पर हज करने वालों को हर मुम्किन सहूलत फ़राहम करना है।
ब शुक्रिया
अर्सलान हाश्मी/उर्दू न्यूज़, मिना
फाईल फोटो
0 टिप्पणियाँ